ज्योतिरादित्य के शपथ लेते ही सिंधिया राजवंश के इतिहास में आएगा ये बदलाव
ABP News
भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा सदस्य चुनकर भेज दिया. इसके बाद से ही उनके केंद्रीय मंत्री बनने की अटकलें लगती रहीं लेकिन कोरोना और पश्चिम बंगाल चुनावो के चलते यह पुनर्गठन लगातार चलता रहा.
भोपालः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल का फेरबदल और विस्तार करने जा रहे है. इसमें सिंधिया राज घराने के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो वे इस प्रतिष्ठित राज घराने के पहले पुरुष होंगे जो स्वतंत्र भारत के किसी गैर कांग्रेसी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे हालांकि इस परिवार की बेटी वसुंधरा राजे विदेश मंत्री रह चुकी है लेकिन वे राजस्थान में राजनीति क़रतीं है जिनकी ससुराल धौलपुर राजघराने में है. वे राजस्थान की मुख्यमंत्री भी रह चुकी है. सिंधिया राजपरिवार ने स्वत्नत्रता के बाद अपनी नई सियासी पारी खेलने की शुरुआत कांग्रेस के साथ ही की. 1947 में देश आजाद हुआ तो गवालियर रियासत को मध्य भारत नाम दिया गया. यहां के तत्कालीन महाराज जीवाजी राव सिंधिया को सम्मान देते हुए ठीक इंग्लैंड के अनुसार राजप्रमुख का दर्जा दिया गया. उन्होंने ही मध्य भारत के पहले मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई. इसके बाद उनकी महारानी विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस में शामिल हो गईं. हालांकि कुछ समय बाद महाराज का असामयिक निधन हो गया.More Related News