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जहांगीर की एक चूक… ब्रिटिश हुकूमत ने जमा लिए पांव, जानें भारत में कब हुआ अंग्रेजों का आगमन
Zee News
British rule in india: 16वीं सदी में अंग्रेज एक कंपनी के तहत आए. शुरुआती दौर में उन्होंने सूरत में अपनी फैक्ट्री खोली. फिर धीरे-धीरे भारत में अपनी सेना बना ली. इन्हीं सैनिकों के बलबूते अंग्रेजों ने कई युद्ध जीते. आइए भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआती दौर को आसान भाषा में जानते हैं.
How british came to india: भारत की मिट्टी में इतिहास की कई कहानियां बसी हैं, लेकिन अंग्रेजों का आगमन एक ऐसी गाथा है, जो व्यापार के बहाने शुरू हुई और 200 साल के उपनिवेश में बदल गई. यह कहानी मसालों की खोज से लेकर नाविकों की जंग और चालाक व्यापारियों से शुरू हुई और ईस्ट इंडिया कंपनी से होते हुए ब्रिटिश शासन में तब्दील हो गई. ये व्यापारी भारत में व्यापार के बहाने आए और धोखे से देश पर कब्जा जमा लिया. हालांकि, एक वक्त के बाद भारत के वीर क्रांतिकारियों और सिपाहियों के सामने अंग्रेज घूटने टेकने को मजबूर हुए, और देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. ऐसे में आइए अंग्रेजों के भारत में कदम रखने की कहानी को समझते हैं, और जानते हैं किन युद्धों के बाद भारत की सत्ता अंग्रेजों के हाथ में आई और जहांगीर से क्या चूक हुई.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









