जम्मू-कश्मीर में ताबड़तोड़ हत्याएं, हालात सामान्य करने के वादे का क्या हुआ?
The Quint
jammu kashmir मानसून सत्र में सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि, अगस्त 2021 तक J&K में 59 आम नागरिक मारे गए हैं। In the monsoon session, the government had told the Rajya Sabha that till August 2021, 59 civilians have been killed in J&K.
5 अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कश्मीर (Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाली धारा-370 (Article 370) और 35-ए को निरस्त कर दिया था. इसके अलावा एक और फैसला भी सरकार ने लिया, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को केंद्र शासित राज्य बना दिया. फिलहाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) वहां के उपराज्यपाल हैं. 6 अगस्त 2019 को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोक सभा (Lok Sabha) में कहा था कि, जैसे ही कश्मीर में स्थिति सामान्य होते ही पूर्ण राज्य का दर्जा देने में हमें कोई संकोच नहीं होगा.ADVERTISEMENTलेकिन धारा 370 के खात्मे के 2 साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी क्या कश्मीर की स्थिति सामान्य हुई? सामान्य छोड़िए, ये सवाल कीजिए कि जम्मू-कश्मीर के हालातों में क्या कोई सुधार आया है. क्योंकि धारा-370 के खात्मे को सरकार ने ऐसे पेश किया था जैसे सारी परेशानियों की जड़ यही थी. इन सब सवालों के जवाब ढूंढने के लिए उन वारदातों का अध्ययन कीजिए जो धारा-370 खत्म होने के बाद हुई हैं.पिछले 2 साल में कश्मीर में जिस तरीके से आतंकियों ने आम लोगों को निशाना बनाया है, उससे सरकार के दावों पर कई तरह के सवाल उठते हैं. हाल ही में हुई कुछ हत्याओं ने जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल पैदा किया है. 7 अक्टूबर को श्रीनगर के संगम ईदगाह इलाके में आतंकियों ने 2 टीचरों की गोली मारकर हत्या कर दी.अक्टूबर 2021 में 7 आम नागरिकों की हत्याअभी अक्टूबर महीने की शुरूआत है और इसमें अब तक 7 आम नागरिकों की हत्या हो चुकी है. 2 अक्टूबर को श्रीनगर के चट्टाबल में रहने वाले माजिद अहमद गोदरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 2 अक्टूबर को ही श्रीनगर की एसडी कॉलोनी बटमालू में मोहम्मद शफी डार को गोलियों से भून दिया गया.ADVERTISEMENT5 अक्टूबर को श्रीनगर के मशहूर दवा कारोबारी माखन लाल बिंदरू की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसी दिन बिहार के रहने वाले एक चाट विक्रेता वीरेंद्र पासवान की भी हत्या कर दी गई. 5 अक्टूबर को ही उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा इलाके में मोहम्मद शफी डार की भी हत्या की गई. और 7 अक्टूबर को एक महिला अध्यापिका समेत दो की हत्या भी हुई.इस साल और भी वारदातें हुई2021 में आतंकियों ने कई नेताओं और सुरक्षाबलों को भी अपना निशाना बनाया. 2 जून को त्राल में बीजेपी नेता राकेश पंडिता की हत्या कर दी. 8 जून को अनंतनाग में कांग्रेस नेता और सरपंच अजय पंडिता को मौत के घाट उतार दिया गया....