जनता कर्फ्यू के एक साल, जानिए कोरोना पर Success Story की खास बातें
Zee News
कर्फ्यू का ये विचार कई मायनों में अलग था क्योंकि, तब तक हम लोगों के लिए कर्फ्यू का मतलब था- किसी शहर या जिले में प्रशासन द्वारा लगाई गई सख्ती, जिसमें Indian Penal Code यानी IPC की धारा 144 का इस्तेमाल किया जाता है और क्षेत्र के डीएम या पुलिस कमिश्नर को सभी फैसले लेने के अधिकार मिल जाते हैं, लेकिन इस कर्फ्यू में ऐसा नहीं था. ये कर्फ्यू जनता ने अपनी इच्छा से अपने लिए खुद पर लगाया था और इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी भी लोगों पर ही थी और बाहर निकलने के अधिकार भी लोगों के पास ही थे.
नई दिल्ली: कल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू को एक वर्ष पूरे हो गए हैं. 22 मार्च को पिछले वर्ष भारत में जनता कर्फ्यू लगा था और तब हमने दुनिया को ये बताया था कि जब संकल्प और साहस बड़ा होता है तब कोई भी विपदा, कोई भी संकट बड़ा नहीं रह जाता. जनता कर्फ्यू ने ही कोरोना वायरस के ख़िलाफ भारत की एकता के सूत्र को भी स्पष्ट किया और हम बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हो पाए. जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले यानी 21 मार्च 2020 को देश में कोरोना वायरस के कुल मरीज़ों की संख्या 396 थी. यानी मरीज़ों की संख्या तो कम थी लेकिन डर बहुत ज़्यादा था. हर कोई परेशान था और ये सोच रहा था कि वो जीवित रहेगा भी या नहीं. दुनियाभर में भारत को लेकर संशय की स्थिति थी और अमेरिका जैसे देशों का अनुमान था कि भारत इस संकट से बुरी तरह लड़खड़ा जाएगा और भारत में इस महामारी से करोड़ों लोग प्रभावित होंगे.Delhi Baby Care Center Fire: देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां के एक बेबी अस्पताल में भीषण आग लगने से 6 बच्चों की झुलसकर मौत हो गई है. वहीं, 5 बच्चों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. उनका इलाज चल रहा है, जबकि एक बच्चा वेंटिलेटर पर है. रिपोर्ट्स की मानें, तो यह घटना शनिवार 25 मई देर रात की है.
Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.