
जजों को सरकार की तरह चुनाव या सार्वजनिक जांच का सामना नहीं करना पड़ता: क़ानून मंत्री
The Wire
क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ‘महाभारत’ हो रही है. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस सोढ़ी ने क़ानून मंत्री द्वारा कॉलेजियम पर उनके बयान के समर्थन के बाद कहा कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर चलाने की बजाय सरकार और न्यायपालिका को इस मुद्दे पर परिपक्व बहस करनी चाहिए.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि चूंकि न्यायाधीश निर्वाचित नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें सार्वजनिक जांच का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन लोग उन्हें देखते हैं और न्याय देने के तरीके से उनका आकलन करते हैं. #WATCH | "After becoming judges, they don't have to face elections or scrutiny by the public," says Union Law minister Kiren Rijiju pic.twitter.com/4aLPjLoGrk
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में कॉलेजियम प्रणाली से न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर हालिया समय में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच गतिरोध बढ़ा है. मंत्री ने तीस हजारी अदालत परिसर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में यह टिप्पणी की. — ANI (@ANI) January 23, 2023
