जंगल की आग से सदमे में आया Turkey, धुएं के कारण सांस भी नहीं ले पा रहे लोग
Zee News
जंगल में लगी भीषण आग से तुर्की सदमे में आ गया है. आलम ये है कि धुएं के कारण वहां के लोग सांस भी नहीं ले पा रहे हैं. इसी के चलते 100 दमकलकर्मी और 80 आम नागरिक घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस्तांबुल: तुर्की (Turkey) अपने तटीय पर्यटन दक्षिणी प्रांतों में अभूतपूर्व जंगल की आग (Forest Fire) से सदमे में है. इस घटना में 4 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, जबकि अधिकारी तोड़फोड़ के दावों की जांच कर रहे हैं. देश भर में बुधवार से 70 से अधिक जंगल में आग लगने की सूचना मिली है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि चिलचिलाती गर्मी और तेज हवाओं ने विभिन्न इलाकों में आग को भड़का दिया है. 4,000 दमकलकर्मियों ने हेलीकॉप्टर और विमानों की मदद से आग पर काबू पाया. आपातकालीन अधिकारियों ने घोषणा की है कि लगभग 100 दमकलकर्मी और 80 से अधिक नागरिक घायल हो गए, जिनमें से ज्यादातर धुएं के कारण घायल हुए थे. आग के कारण कई आवासीय क्षेत्रों, गांवों और पर्यटन सुविधाओं को खाली करा लिया गया है, जिससे कई खेत और जंगली जानवर भी नष्ट हो गए हैं. हालांकि अब अधिकांश आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन देश के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण में शनिवार को लगातार चौथे दिन भी कई जगह आग लगी रही. अधिकारियों ने संदेह की जांच शुरू की कि अंताल्या प्रांत में भूमध्यसागरीय पर्यटन स्थल मानवघाट में चार स्थानों पर बुधवार को लगी आग आगजनी का परिणाम थी.हत्या की एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुन हर कोई हैरान-परेशान है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो एक 28 वर्षीय शख्स ने अपनी 26 वर्षीय पत्नी की क्रूरता से चाकू मारकर हत्या कर दी. इसके बाद उसके मृत शरीर को 200 से अधिक टुकड़ों में काट दिया और उन टुकड़ों को अपने दोस्त की मदद से नदी में बहा दिया. इसके लिए उसने अपने दोस्त को 5000 रुपये भी दिए.
द गार्जियन ने भारत और पाकिस्तान के कुछ खुफिया कर्मचारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों की टारगेटेड किलिंग करवाई. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे 'झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार'बताया. मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले खंडन पर जोर दिया कि अन्य देशों में टारगेटेड किलिंग 'भारत सरकार की नीति के अनुरूप नहीं थीं.'