चीन जिस डाल पर बैठा है, उसे ही काटकर अमेरिका को सबक सिखा रहा है
The Quint
China America:चीन ने अमेरिका को पछाड़ने के लिए सस्ती जमीन, मजदूरी, इंफ्रास्ट्रक्चर और करंसी से विदेशी निवेशकों को ललचाना शुरू किया. और इस तरह “विश्व की फैक्ट्री” बन गया, China using economic weapon against America becoming factory of the world
चीन अमेरिका को कैसे अधमरा कर सकता है? इक्कीसवीं शताब्दी की शुरुआत में लोग इस सवाल के जवाब तलाश रहे थे, जब चीन ने आतंक और आर्थिक मंदी से बेहाल अमेरिका में अपने कदम धरे थे. सैन्य विशेषज्ञों का मानना था कि चीन ताइवान को फिर से फतह करेगा ताकि अमेरिका को अपनी धरती पर परंपरागत युद्ध के लिए मजबूर किया जा सके. ऊर्जा विशेषज्ञ कयास लगा रहे थे कि नाटो को कमजोर करने के लिए चीन यूरोप पर अपने ‘परमाणु और गैस प्रभाव’ का इस्तेमाल करेगा. तकनीकी विशेषज्ञ बताते थे कि चीन साइबर हमले और रोबोटिक्स में माहिर है और वह भविष्य में अमेरिका को तहस-नहस कर देगा. तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि चीन अमेरिका के खिलाफ आर्थिक हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि ‘दौलत के हमले’ का इशारा मिल रहा था. आइए, इसे शुरुआत से समझते हैं.अमेरिकी पर कैसे चढ़ा चीन का अरबों डॉलर का कर्जडेंग जिओपिंग ने किस तरह चीन को मल्टी ट्रिलियन डॉलर का इकनॉमिक सुपरपावर बनाया, इस पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है, ताकि चीन अमेरिका के मुकाबले खड़ा हो सके. अपनी किताब ‘सुपरपावर? द अमेजिंग रेस बिटवीन चाइनीज़ हेयर एंड इंडियाज़ टॉरट्वाइज़’ (पेंग्विन एलन लेन, 2010) में मैंने ‘एस्केप वेलोसिटी’ मॉडल का जिक्र किया है. दरअसल चीन ने सोवियत संघ और जापान, दो देशों से सीख ली. इसी के जरिए चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अमेरिका को हड़का रहा है. ADVERTISEMENTकम्युनिस्ट दबाव का इस्तेमाल करते हुए चीन ने सत्तर से नब्बे के दशक के दौरान खूब दौलत कमाई:किसानों से सस्ती दरों पर जमीनें जब्त कींमजदूरों को बहुत कम भुगतान किए गए- जितना उनके जिंदा रहने के लिए जरूरी है, उससे भी कमउपभोक्ताओं से माल कमाया, जिसके लिए युआन को अमेरिकी डॉलर से कृत्रिम तरीके से कम रखा गया प्रतिद्वंद्वी अर्थव्यवस्थाओं, खासकर अमेरिका से, इसके लिए युआन को अमेरिकी डॉलर से कृत्रिम तरीके से कम रखा गया (ध्यान दीजिए कि किस तरह इस पैंतरे को बार बार इस्तेमाल किया गया). इससे चीनी मूल की कंपनियों को पश्चिम में निर्यात करने में मदद मिली, और अमेरिकी डॉलर का भंडार भर गया किसानों, मजदूरों और उपभोक्ताओं से धन उलीचने का काम, स्टालिन के रूस के तर्ज पर किया गया था. भौतिक परिसंपत्तियां खड़ी की गईं. सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार क...More Related News