चीन का अरुणाचल,उत्तराखंड में 'अतिक्रमण': भारत को बिग पिक्चर देखने की जरूरत
The Quint
Chinese incursion in India: भारतीय सीमा पर चीन ने नए आवास, हवाईपट्टी और हेलीपैड बनाए हैं ताकि चीनी सैनिक भारतीय सीमा के करीब रह सकें| Why china is intruding in Arunachal Pradesh and Uttarakhand amid LAC stand off. Impact of china-America relations
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन की "घुसपैठ" की खबरों के बीच भारत और चीन की 13वें दौर की सीनियर सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत भी बेनतीजा रही. पहले नंदा देवी चोटी के उत्तर में बाराहोती चरागाह और हाल ही में तवांग के उत्तर में बुम ला के पास एक जगह पर घुसपैठ की खबरें आईं. रिपोर्ट्स के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर होने वाले ये नियमित “अतिक्रमण” थे. सरकार भारत-चीन सीमा पर होने वाले हमलों के लिए “अतिक्रमण” शब्द का इस्तेमाल करती है. हालांकि, एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने चीनी घुसपैठियों द्वारा भारतीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के प्रयास को न सिर्फ विफल किया बल्कि बुम ला इलाके में कुछ चीनी सैनिकों को थोड़ी देर के लिए हिरासत में भी रखा.ADVERTISEMENTरिपोर्ट्स बताते हैं कि अगस्त के अंत में, लगभग 100 चीनी सैनिक टुनजुन ला दर्रा होते हुए बाराहोती में घुस चुके थे. चीनी सैनिकों की संख्या देखकर भारतीय सैनिकों को आश्चर्य हुआ. ये अनुमान लगाया गया कि इस क्षेत्र में भारत की बेहतर स्थिति और 2020 में गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद बरती गई सावधानियां इसके कारण हैं.बाराहोती का क्या महत्व है?चूंकि, 1962 में मध्य क्षेत्र में कोई सैन्य कार्रवाई नहीं हुई थी, इसलिए बाराहोती पूर्वी और पश्चिमी इलाके में “अतिक्रमण” वाले क्षेत्रों की तुलना में अपेक्षाकृत कम जाना जाता है. लेकिन बाराहोती LAC पर भारत और चीन के बीच विवाद की पुरानी जगह रही है.भारत लंबे समय से यह मानता रहा है कि बाराहोती चारागाह का अधिकतर हिस्सा भारत में है लेकिन चीन ने बार-बार इसका विरोध किया है. अंत में दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि कोई भी वहां स्थायी शिविर नहीं बनाएगा.दरअसल, हिमाचल और उत्तराखंड में पांच इलाकों सुवा-सुजे, शिपकी ला, निलंग-जाधंग, बाराहोटी-लप्थल और लिपु लेख पर चीन से विवाद है. ये इलाके बहुत प्रसिद्ध तो नहीं हैं, लेकिन दोनों ही देशों की सीमा विस्तार की क्षमता रखते हैं. बाराहोती से राजधानी दिल्ली तो 400 किलोमीटर से भी कम की दूरी पर है इसलिए इन्हें महत्व दिया जाना चाहिए.फिर भी, पश्चिमी और पूर्वी इलाकों की तुलना में इस क्षेत्र पर उतनी लड़ाई नहीं है. यही वजह है कि यह एकमात्र ऐसी जगह है जहां भारत और चीन ने पारस्परिक रूप से सीमा निर्धारण के प्रयास (जो अब फेल ...