
चार स्वतंत्र फिल्म निकायों के एनएफडीसी में विलय के विरोध में क्यों हैं फिल्मकार
The Wire
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पिछले महीने भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार के फिल्म प्रभाग, फिल्म समारोह निदेशालय और चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के एनएफडीसी में विलय का निर्देश दिया है. फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह निर्णय बिना हितधारकों से चर्चा के लिया गया है.
नई दिल्लीः पुणे में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफएआई) छात्रों, शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए बहुत ही मूल्यवान संसाधन है. यहां दुनियाभर से ये लोग हजारों की संख्या में संजोकर रखे गए मूल प्रिंट की तलाश में जुटते हैं. ये प्रिंट मूक सिनेमा से लेकर किताबों, पोस्टर्स और क्लिपिंग्स तक के हैं.
बता दें कि एनएफएआई सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के तहत एक अलग इकाई के रूप में काम करता है. लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा.
मंत्रालय ने पिछले महीने एक निर्देश जारी किया था कि जनवरी 2022 के अंत तक एनएफएआई के फिल्म प्रभाग (एफडी), फिल्म समारोह निदेशालय (डीएफएफ) और चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएफएसआई) का राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) में विलय किया जाएगा.
बीते 13 महीनों में एमआईबी की इस तरह की औचक और अपारदर्शी घोषणाएं आम हो गई हैं, जिससे फिल्मकारों को लगता है यह इंडस्ट्री की तरफ सरकार के तिरस्कृत रुझान को दर्शाता है.
