
गोधरा ट्रेन अग्निकांड: अदालत ने कुछ दोषियों की ज़मानत याचिकाओं पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा
The Wire
गुजरात सरकार ने कुछ दोषियों के मामलों में अपील दायर की है, जिनकी मौत की सज़ा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया था. राज्य के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए कुछ दोषियों की जमानत याचिकाओं पर गुजरात सरकार से सोमवार को जवाब मांगा.
गुजरात सरकार की ओर से इस मामले में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि यह ‘केवल पथराव’ का मामला नहीं था, क्योंकि दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी को बंद कर दिया था, जिससे ट्रेन में सवार कई यात्रियों की मौत हो गई थी.
पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी थे.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘कुछ दोषी कह रहे हैं कि उनका रोल सिर्फ पथराव का था, लेकिन जब आप किसी बोगी को बाहर से बंद करते हैं, उसमें आग लगाते हैं और फिर पथराव करते हैं, यह सिर्फ पथराव नहीं है.’
