खुद की आंखों में पूरी रोशनी नहीं, लेकिन कोविड में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए शिक्षा की ज्योति जला रही हैं टिफनी बरार
NDTV India
केरल के तिरुवनंतपुरम की टिफनी बरार दृष्टिबाधित हैं, लेकिन वो कोविड-19 के दौरान यह सुनिश्चित कर रही हैं कि उनके छात्रों को महामारी में भी शिक्षा मिलती रहे.
केरल के तिरुवनंतपुरम में 32 साल की टिफनी बरार एक दृष्टिबाधित सामाजिक कार्यकर्ता और स्पेशल एजुकेटर हैं. उनका कहना है कि महामारी ने उन्हें हिलाकर रख दिया है. टिफनी अपनी सफेद छड़ी का सहारा लेकर फल खरीदते हुए NDTV से बात करती हैं. वो कहती हैं कि 'ऐसी घटनाएं हुई हैं कि मैं या मेरे छात्र सड़क पार नहीं कर पाए क्योंकि लोग महामारी के डर से हमारा हाथ पकड़कर हमें रोड क्रॉस नहीं कराना चाहते थे. लोग छूने से डर रहे हैं और हम स्पर्श पर काफी हद तक निर्भर करते हैं.'More Related News