
क्या नारायण राणे से पुराना हिसाब चुकता कर रहे हैं उद्धव ठाकरे, सालों पुरानी है दोनों के बीच आपसी रंजिश
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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की महाराष्ट्र में हुई गिरफ्तारी से कई सवाल खड़े हो गए हैं. कभी शिवसेना के नेता और पार्टी के मुख्यमंत्री रहने वाले राणे और उद्धव के बीच ऐसी कौन सी रंजिश है, जिससे दोनों आज एक दूसरे का धुर-विरोधी बन गए हैं.
नई दिल्लीः महाराष्ट्र से भाजपा के केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के कथित तौर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने के बयान से शुरू हुआ विवाद अब काफी आगे बढ़ चुका है. मंगलवार को बंबई हाईकोर्ट के जरिए नारायण राणे की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार करने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी, हालांकि देर रात उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. नेताओं की एक दूसरे के खिलाम अभद्र टिप्पणी करना हिन्दुस्तानी सियासत का एक अहम हिस्सा रहा है, लेकिन राणे की टिप्पणी पर उनकी गिरफ्तारी ने जहां कई सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं राणे और उद्धव के बीच की पुरानी रंजिश को भी इस गिरफ्तारी ने एक बार से हवा दे दिया है. कौन हैं नारायण राणे नारायण राणे महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र से आने वाले एक दिग्गज मराठा नेता और समर्पित शिव सैनिक रहे हैं. वह अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत चेंबुर में कॉरपोरेटर बनने से की थी और बाद में मुंबई की सार्वजनिक बस परिवहन ’बेस्ट’ कमेटी के चेयरमैन भी बनें. वह राज्य सरकार में मंत्री और फिर बाल ठाकरे साहेब के मदद से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. हालांकि एक कॉरपोरेटर से मुख्यमंत्री तक का सफर नारायण राणे के लिए आसान नहीं था. शिवसेना में रहते हुए उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. उस वक्त उनके सबसे मुखर विरोधी कोई और नहीं बल्कि बाल ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे थे.
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