क्या कश्मीरी पंडित हैं Rahul Gandhi? सरकार होने के बावजूद उन्होंने कुछ नहीं किया
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Kashmiri Pandit: 1990 के बाद करीब 15 साल तक केंद्र में राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस की सरकार थी. जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस का मुख्यमंत्री रहा लेकिन कश्मीरी पंडितों के लिए उनकी सरकार ने कुछ नहीं किया.
नई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बयान में कहा कि वो और उनका पूरा परिवार कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) है. अगर आप कश्मीरी पंडित हो, इतने दिन आपकी सरकार रही जब पलायन हुआ, उसके बाद भी सरकार रही, केंद्र में भी रही, जम्मू-कश्मीर में भी रही और अब्दुल्ला के साथ सरकार बनाते रहे, आपको तो कहने का हक ही नहीं है, आप शानदार बंगले में रहते हो. 1990 से 2021 के बीच 31 वर्षों में केंद्र में कांग्रेस की 15 साल तक सरकार रही. 1991 से 1996 तक पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार थी और 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह की सरकार थी. लेकिन कांग्रेस ने कभी कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं किया.Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.