क्या अफ़ग़ानिस्तान पर भारत बदल रहा है अपनी नीति?
BBC
पहले दोहा और फिर मॉस्को में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की है. क्या इसे भारत की नीति में बड़ा बदलाव माना जाना चाहिए?
अफ़ग़ानिस्तान को लेकर भारत अपनी नीति में बदलाव के स्पष्ट संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. पहले दोहा में भारतीय राजदूत की तालिबान प्रतिनिधि से मुलाक़ात और अब मॉस्को में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव की तालिबान प्रतिनिधियों के साथ बैठक.
भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय सहायता की बात भी स्वीकार की. साथ ही आर्थिक और कूटनीतिक संबंघ बेहतर करने पर भी ज़ोर दिया गया.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत तालिबान से 'एंगेज' न करने की नीति पर चलता आया था.
लेकिन जानकारों का कहना है कि सामरिक दृष्टि से भारत की नीति में बदलाव आवश्यक है. नीति में बदलाव के संकेत उस समय आना शुरू हुए, जब क़तर की राजधानी दोहा में तालिबान के प्रतिनिधियों से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था.
हालाँकि भारत ने खुले तौर पर 'बैक डोर चैनल' से तालिबान के साथ बातचीत करने की बात कभी स्वीकार नहीं की, लेकिन 31 अगस्त को दोहा में भारत के राजदूत से तालिबान के शीर्ष नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकज़ई की मुलाक़ात हुई.