
कोविड-19 के इलाज में गोबर के प्रयोग पर डॉक्टरों ने चेताया, कहा- बढ़ेगा और रोगों का जोखिम
The Wire
गुजरात के कुछ लोग गाय के गोबर और मूत्र के शरीर पर लेप के लिए सप्ताह में एक बार गौ आश्रमों में जा रहे हैं. उनका ऐसा मानना है कि यह उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देगा या कोविड-19 से उबरने में मदद करेगा. हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है.
अहमदाबाद/नई दिल्ली: देश के डॉक्टरों ने कोविड-19 के खात्मे के लिए गोबर के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इसके प्रभाव को लेकर कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है बल्कि यह दूसरे रोगों का खतरा बढ़ाता है. कोविड-19 महामारी के कारण भारत में संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 22,992,517 हो गई है, जबकि 249,992 लोग इस महामारी से जान गंवा चुके हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण और मौतों का आंकड़ा 10 गुना अधिक हो सकता है. इस दौरान देश में लोग अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण संघर्ष कर रहे हैं और इलाज के अभाव में लोगों की मौतें भी हो रही हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस पर विश्वास करने वाले गुजरात के कुछ लोग गाय के गोबर और मूत्र में अपने शरीर को ढकने के लिए सप्ताह में एक बार गौ आश्रमों में जा रहे हैं, इस उम्मीद में कि यह उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देगा या कोविड-19 से उबरने में मदद करेगा.More Related News
