कोरोना वायरस से बचना है तो 'धूप' में भी बिताएं वक्त, ये है वजह
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शोधकर्ताओं का कहना है कि सूरज की रोशनी में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा नाइट्रिक ऑक्साइड को बाहर निकाल देती है. इससे वायरस के आगे बढ़ने की क्षमता संभवत: घट जाती है.
नई दिल्ली: एक अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादा देर तक सूरज की रोशनी में रहने खासकर अल्ट्रावायलेट किरण के संपर्क में आने का जुड़ाव कोविड-19 से कम मौतों के साथ है. ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर आगे शोध में मृत्यु दर में कमी से जुड़ाव का पता चलता है तो सूरज की रोशनी के संपर्क में ज्यादा देर रहने से सामान्य लोक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है. 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्माटोलोजी' में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिकी महाद्वीप में जनवरी से अप्रैल 2020 के बीच हुई मौतों के साथ उस अवधि में 2474 काउंटी में अल्ट्रावायलेट स्तर की तुलना की गयी. टीम ने पाया कि अल्ट्रावायलेट किरण के उच्च स्तर वाले इलाके में रहने वाले लोगों के बीच कोविड-19 से कम मौतें हुई.More Related News
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