
कोरोना ने फेफड़ों पर डाला घातक असर, लंग ट्रांसप्लांट की बढ़ रही मांग पर डोनर नही
NDTV India
फेफड़े अन्य ठोस अंगों के विपरीत पर्यावरण के संपर्क में भी होते हैं जिससे उन्हें आसानी से संक्रमित हो जाने का खतरा होता है. लंग ट्रांसप्लांट देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही होता है.
कोरोना महामारी मरीजों के फेफड़ों पर घातक असर डाल रही है और इस कारण फेफड़ों के प्रत्यारोपण यानी लंग ट्रांसप्लांट की मांग बढ़ रही है, लेकिन डोनर नहीं मिल रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड सबसे पहले और सबसे ज़्यादा लंग्स यानी फेफड़ों को नुक़सान पहुंचाता है. दूसरी लहर में ये प्रकोप कितना बढ़ा आपने भी देखा, जो मरीज़ बच गए उनमें से कई को लंग्स ट्रांसप्लांट की ज़रूरत है पर डोनर ना के बराबर मौजूद हैं. इस सर्जरी की क़ीमत 40 लाख के क़रीब है. ये ऐसी स्थिति में होते हैं कि क़रीब 20% मरीज़ ट्रांसप्लांट वाले अस्पताल में शिफ़्टिंग के दौरान ही दम तोड़ देते हैं.More Related News
