
कोरोना के कठिन काल में गुरु की मदद से धर्म और पुरुषार्थ के मार्ग को प्रज्वलित रखें : स्वामी निरंजानंद
NDTV India
स्वामी निरंजानंद सरस्वती ने कहा कि कोरोना के इस कठिन दौर में जरूरी है कि आस्था और विश्वास की डोर थामे रखें. धर्म और पुरुषार्थ की राह को प्रज्वलित करें. कठिन परिस्थिति में स्वयं को मजबूत बनाए रखने का ये सर्वश्रेष्ठ उपाय है.
पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के रूप में संपूर्ण मानवता एक त्रासदी झेल रही है. इन दो सालों में ऐसा लगता है कि किसी ने हम सभी की जिंदगी में पॉज (Pause) का बटन दबा दिया है और सबकी जिंदगी थम सी गई है. ऐसी स्थिति में हमारी जिंदगी में आशावादिता कम हुई है और निराशावाद अब आशावाद पर हावी होता दिखाई दे रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाए? इस प्रश्न का उत्तर मुंगेर, बिहार के विश्व योग पीठ गंगा दर्शन के स्वामी निरंजानंद सरस्वती ने बहुत आसान शब्दों में दिया है. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में ऐसे सभी सवालों के तर्कसंगत उत्तर दिए.More Related News
