कोरोना काल में हंसी सबसे बड़ी 'दवा', ब्लैक डेथ महामारी के दौरान हो चुका है साबित!
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महामारी के इस दौर ने वास्तव में उन भूमिकाओं को बढ़ा दिया है जो कॉमेडी निभा सकती है और यही वजह है कि हास्य पर हमारी निर्भरता बढ़ गई. प्राचीन रोम में आपदा के समय हंसने की हमारी जरूरत कोई नई बात नहीं है.
ब्रिस्टल (ब्रिटेन): हममें से ज्यादातर लोगों को पिछले 12 महीनों के दौरान एक अच्छी सी मुस्कुराहट और खुलकर ठहाके लगाने की जरूरत महसूस होती रही. यही वजह है कि पहले लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान OTT प्लेटफॉर्म पर हॉरर मूवी सर्च करने वालों की संख्या में गिरावट आई और अब ज्यादातर लोग स्टैंड-अप कॉमेडी से जुड़े कार्यक्रम सर्च कर रहे हैं. यानी इस संकट के दौर में कोरोना के डर के आगे लोगों को हंसी 'जीत' रही है. महामारी के इस दौर में लोगों के व्यवहार में आए परिवर्तन और हंसी-मजाक के महत्व पर ब्रिस्टल विश्वविद्यालय की लूसी रेफील्ड की स्डटी जीने का तरीका बताती है. सोशल मीडिया की दुनिया में, वायरस से जुड़ी बातों का मजाक उड़ाने वाले अकाउंट को भी बहुत लोगों ने फॉलो किया है जैसे क्वेंटिन क्वारेंटिनो और रेडिट थ्रेड कोरोना आदि. कोरोना वायरस मीम्स जैसे अकाउंट की लोकप्रियता पिछले एक साल में बढ़ी है. हमने जूम मीटिंग्स, हाथ धोने के गाने और घर में ही बाल काटने को लेकर मजाक करने में काफी समय बिताया है. लेकिन ऐसा क्या है कि हम एक पल में मरने वालों की बढ़ती संख्या के बारे में जानकर घबरा जाते हैं और दूसरे ही पल दोस्त द्वारा भेजा वीडियो देखकर हंसने लगते हैं, यह परिवर्तन कैसे होता है?More Related News
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