
कॉलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता के अभाव के संबंध में कई अभ्यावेदन मिले: रिजिजू
The Wire
विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार के साथ ही उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता, वस्तुनिष्ठता और सामाजिक विविधता की कमी को लेकर सरकार को कई मेमो मिले हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रणाली में सुधार लाए जाने के अनुरोध के साथ ही उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता, वस्तुनिष्ठता और सामाजिक विविधता के अभाव के संबंध में विभिन्न स्रोतों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं.
विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘सरकार ने उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया ज्ञापन को अनुपूरित करने के लिए सुझाव भेजे हैं.’
प्रक्रिया ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ प्रोसिजर) एक दस्तावेज है जो उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण का मार्गदर्शन करता है.
रिजिजू ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्तियों की कॉलेजियम प्रणाली को अधिक व्यापक, पारदर्शी, जवाबदेही बनाने के लिए और प्रणाली में वस्तुनिष्ठता लाने के लिए सरकार ने 2015 में संविधान (निन्यानवां संशोधन) अधिनियम, 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम, 2014 को लागू किया था.
