काशी विश्वनाथ मंदिर में अमित शाह की भक्ति, पूर्वांचल के दौरे से क्या संदेश?
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गृह मंत्री अमित शाह ने आज औपचारिक रूप से मिशन 2022 की शुरुआत कर दी है. अमित शाह ने रविवार को लखनऊ, मिर्जापुर और वाराणसी का दौरा किया. शाह ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन भी किए. शिव-शक्ति साधना से अमित शाह ने पूर्वांचल में बीजेपी की जीत का आशीर्वाद मांगा.
नई दिल्ली: काशी विश्वनाथ में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शिव की आराधना की. गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान शिव का अभिषेक किया. पूरे विधि विधान से भगवान शिव का पूजन किया. भगवान शिव की आरती के अमित शाह ने पुष्प अर्पित किए और श्रद्धापूर्वक काशी विश्वनाथ को प्रणाम किया. बाबा विश्वनाथ के दरबार में आने पर सदैव एक दिव्य अनुभूति होती है। आज मिर्जापुर में माँ विंध्यवासिनी देवी मंदिर में माँ के दर्शन कर देश व उत्तर प्रदेश की जनता के सुख, समृद्धि व अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की। गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर लिखा कि 'बाबा विश्वनाथ के दरबार में आने पर सदैव एक दिव्य अनुभूति होती है. आज पवित्र श्रावण मास में बाबा विश्वनाथ जी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। बाबा सभी पर अपनी कृपा बनाये रखें. हर हर महादेव..'एनडीए में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निपथ योजना पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस पर नए तरीके से विमर्श की बात की. इसके अलावा उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन और यूसीसी पर भी अपना पक्ष रखा है.
Foreign Guest List Invited to PM Modi Oath Ceremony: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि, पार्टी अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को नहीं पार कर पाई है, लेकिन एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े को जरूर पार कर गया है. लिहाजा नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश की कमान संभालने जा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे सोमवार को स्वीकार कर लिए. इन तीनों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. तीन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में अब 59 सदस्य रह गए हैं क्योंकि कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों को पहले ही दल बदल कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया गया था. अब 3 निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद संख्या 59 हो गई है.