काबुल के रास्ते गजवा-ए-हिंद की तैयारी, इस्लामिक राज स्थापित करने का सपना?
Zee News
काबुल (Kabul) एयरपोर्ट हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ISIS-खुरासान ने ली है. ये आतंकवादी संगठन ISIS की ही एक शाखा है और इसमें खुरासान का मतलब गजवा ए हिन्द से है यानी भारत में इस्लामिक राज स्थापित करना.
नई दिल्ली: कट्टर इस्लाम की जो लड़ाई अफगानिस्तान (Afghanistan) में छिड़ी है, वो सिर्फ अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रहने वाली है क्योंकि भारत के कुछ लोग अब हमारे देश में भी इस्लामिक हुकूमत का सपना देख रहे हैं. भारत के पास 14 लाख सैनिक हैं और जो लोग भारत में इस्लामिक हुकूमत का सपना देख रहे हैं उन्हें लगता है कि जब 50-60 हजार तालिबानी तीन लाख अफगानी सैनिकों को हरा सकते हैं तो कुछ लाख लड़ाके भारत को भी हरा ही देंगे. वो तो शुक्र है कि हमारी सेना बहुत मजबूत है जो भारत पर कोई आंच नहीं आने देती लेकिन जिस दिन इन लोगों को कश्मीर, पंजाब या फिर भारत के किसी भी इलाके से अंदर आने का रास्ता मिल गया तो ये लोग गजवा ए हिंद का सपना पूरा करना चाहेंगे. इनकी विचारधारा ने भारत की अखंडता में छेद करना शुरू भी कर दिया है. तालिबान (Taliban) तो भारत नहीं आया है लेकिन तालिबानी विचारधार को मानने वाले लोगों की संख्या भारत में अच्छी खासी है. फिर चाहे किसान आंदोलन में घुसने वाले खालिस्तानी हों, कश्मीर में बैठे अलगाववादी हों या फिर देश के मुसलमानों को भड़काने वाले वामपंथी और कथित बुद्धिजीवी हों. इन सबके नाम और चेहरे तालिबान से अलग जरूर हैं लेकिन इनकी विचारधारा तालिबान जितनी ही खतरनाक है. जिस तालिबान को पाकिस्तान (Pakistan) का समर्थन हासिल है वो सिर्फ अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रहेगा क्योंकि वो अपनी इस जीत को कट्टर इस्लाम के उदय के रूप में देखता है और कट्टर इस्लाम का एक बड़ा ख्वाब गजवा-ए-हिंद है. ISIS खुरासान जैसे आतंकवादी संगठन भी वर्षों से यही सपना देख रहे हैं.Delhi Baby Care Center Fire: देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां के एक बेबी अस्पताल में भीषण आग लगने से 6 बच्चों की झुलसकर मौत हो गई है. वहीं, 5 बच्चों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. उनका इलाज चल रहा है, जबकि एक बच्चा वेंटिलेटर पर है. रिपोर्ट्स की मानें, तो यह घटना शनिवार 25 मई देर रात की है.
Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.