
क़तर में भारत और तालिबान के दरमियान पहली ऑफिशियल मीटिंग, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जंग से मुतासिर अफगानिस्तान के नए हुकमरानों की गुज़ारिश पर यह बैठक आयोजित की गई थी.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने पहली बार इस संगठन के नेता से ऑफिशियल तौर पर बातचीत की है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ कर जानकारी दी है कि भारत के राजदूत ने कतर के दारुल हुकूमत दोहा में तालिबान के नेता से बातचीत की. Press Release on the Meeting in Doha. Link : भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जंग से मुतासिर अफगानिस्तान के नए हुकमरानों की गुज़ारिश पर यह बैठक आयोजित की गई थी. मीटिंग के दौरान, राजदूत दीपक मित्तल ने भारत की चिंता जताई कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत मुखालिफ सरगरमियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









