
कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के खिलाफ लगातार दूसरे दिन NIA की छापेमारी
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अफसरों के मुताबिक छापेमारी की कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों के ठिकानों और जमात के जरिए मुबैयना तौर पर चलाए जा रहे न्यासों के कार्यालयों पर की गई.
श्रीनगरः राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के कश्मीर घाटी स्थित ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की. अफसरान ने बताया कि यह कार्रवाई आतंकवाद की फंडिंग के मामले में की जा रही है. उन्होंने बताया कि कश्मीर के सभी 10 जिलों और जम्मू संभाग के चार जिलों- रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और राजौरी- के 56 ठिकानों पर छापेमारी के अगले दिन एनआईए के अधिकारियों ने मकामी पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा जिले में पांच जगहों पर तलाशी ली. अफसरों के मुताबिक छापेमारी की कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों के ठिकानों और जमात के जरिए मुबैयना तौर पर चलाए जा रहे न्यासों के कार्यालयों पर की गई. यह कार्रवाई जमात-ए-इस्लामी को केंद्र सरकार के जरिए आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित किए जाने के दो साल से ज्यादा वक्त के बाद की गई है. 2019 में सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित किया था गौरतलब है कि फरवरी 2019 में केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को पांच साल के लिए आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित किया था. यह कार्रवाई जमात के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से ‘करीबी संपर्क’ और राज्य में ‘अलगाववादी आंदोलन को बढ़ाने’ की संभावना के मद्देनजर की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदारत में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने जमात को प्रतिबंधित करने के लिए गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत अधिसूचना जारी की थी. प्रतिबंध लगाने के बाद संगठन के खिलाफ पूरे जम्मू-कश्मीर में की गई कार्रवाई में जमात के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. यह पूरी कार्रवाई अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से पहले किया गया.
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