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कल उड़ान भरेगा LVM3-M5, नेवी का सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03 पहुंचेगा अंतरिक्ष; समुद्र पर नजर गड़ाकर रखेगा यह स्पेस ब्रह्मास्त्र
Zee News
LVM3-M5: इसके जरिए भारतीय नौसेना के लिए संचार उपग्रह CMS-03 को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यह उपग्रह भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है. इसका वजन करीब 4400 किलोग्राम है. इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा.
भारत का हैवी-लिफ्ट रॉकेट LVM3 अपनी पांचवीं उड़ान भरने जा रहा है. इस मिशन को LVM3-M5 कहा जाएगा. इसके जरिए भारतीय नौसेना के लिए संचार उपग्रह CMS-03 को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यह उपग्रह भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है. इसका वजन करीब 4400 किलोग्राम है. इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा. ISRO इस मिशन का लाइव प्रसारण अपने यूट्यूब चैनल पर करेगा.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









