
करनाल में अब बैकफुट पर खट्टर सरकार? मांगों को लेकर सचिवालय पर ही डटे किसान
The Quint
Karnal Farmers| किसान नेताओं ने करनाल सचिवालय में ही डेरा जमा लिया है, राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता मौजूद, Farmers protesting outside Mini Secretariat in Karnal, Haryana
हरियाणा के करनाल (Karnal Farmers Protest) में किसानों ने मिनी सचिवालय को पूरी तरह से घेर लिया है. कुछ दिन पहले किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर बुलाई गई महापंचायत को न चाहते हुए भी प्रशासन और सरकार ने सचिवालय तक आने दिया. लेकिन अब यही फैसला खट्टर सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है. क्योंकि किसान नेताओं ने करनाल सचिवालय में ही डेरा जमा लिया है. बताया जा रहा है कि जब तक मांगें नहीं मान ली जातीं, तब तक हजारों किसान वहीं डटे रहेंगे. कई दौर की बातचीत के बाद भी नहीं बनी बातदरअसल 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के खिलाफ करनाल की किसान मंडी में महापंचायत बुलाई गई थी. महापंचायत से पहले ही प्रशासन ने किसान नेताओं से बातचीत की, लेकिन किसानों की मांगे मानने के लिए सरकार तैयार नहीं हुई. डीएम करनाल ने ये कहा कि न तो वो किसी कानून तोड़ने वाले को मुआवजा देंगे और ना ही किसी अधिकारी पर कोई एक्शन लिया जाएगा.इसके बाद किसानों ने पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक 7 सितंबर को महापंचायत बुलाने का फैसला बरकरार रखा. उधर पुलिस की तैयारियां जारी थीं, सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां और वाटर कैनन की गाड़ियां सड़कों पर उतर चुकी थीं. लेकिन जब हजारों की संख्या में किसान पहुंचने लगे तो प्रशासन ने फिर किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया. इस बार राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी बातचीत का हिस्सा थे. प्रशासन चाहता था कि किसान सचिवालय मार्च को रोक दें.ADVERTISEMENTकिसानों के सामने अब बैकफुट पर खट्टर सरकारलेकिन इस बार भी सरकार और किसानों के बीच कोई बात नहीं बनी. किसान नेता अनाज मंडी पहुंचे और हजारों किसानों के सचिवालय मार्च को शुरू कर दिया. इस दौरान सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई थी. हजारों जवान तैनात थे, लेकिन इसके बावजूद कैसे किसान सचिवालय तक पहुंच गए? ये सवाल हर किसी के मन में है.इस सवाल का जवाब सीधा ये है कि, हरियाणा की बीजेपी सरकार एक बार फिर 28 अगस्त वाली गलती नहीं दोहराना चाहती थी. क्योंकि तब सरकारी सख्ती के चलते किसानों के साथ जो हुआ, उसी का नतीजा करनाल में दिख रहा है. ऐसे में अगर फिर से लाठीचार्ज या फिर सख्ती दिखाई जाती तो ये आंदोलन पूरे हरियाणा में आग की तरह फैल जाता. इसीलिए सरकार की तरफ से प्रशासन को सख्ती नहीं करने के निर्देश दिए गए होंगे. जब किसानों ने अपना मार्च शुरू किया तो ...More Related News
