
कम से कम 80 फ़ीसदी ज़िलों में मनरेगा लोकपाल नहीं नियुक्त करने पर राज्य नहीं पाएंगे राशि
The Wire
बीते दिनों मनरेगा के लिए लोकपाल ऐप लॉन्च करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने विभिन्न ज़िलों में लोकपालों की नियुक्ति नहीं होने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि यह देखा गया है कि कई जगहों पर राजनीतिक दलों से संबंधित व्यक्तियों की नियुक्ति की गई है.
नई दिल्ली: अगले वित्तीय वर्ष से केंद्र सरकार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत उन राज्यों को राशि आवंटित नहीं करेगी, जो कम से कम 80 फीसदी जिलों में मनरेगा लोकपाल नियुक्त नहीं कर सके हैं. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
ग्रामीण विकास सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने कहा, ‘आदर्श रूप में राज्यों को मनरेगा के तहत अपने सभी जिलों में लोकपाल नियुक्त करना चाहिए. जो राज्य मनरेगा के तहत कुल जिलों के कम से कम 80 प्रतिशत में लोकपाल नियुक्त नहीं करते हैं, जो न्यूनतम सीमा है, उन्हें इस रोजगार गारंटी योजना के कार्यान्वयन के लिए अगले वित्तीय वर्ष से धन नहीं मिलेगा.’
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को उपलब्ध ब्योरे के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी शासित गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और गोवा, टीआरएस शासित तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेशों- पुदुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और दादर एवं नागर हवेली में मनरेगा के लिए एक भी लोकपाल नहीं है.
इसी तरह कांग्रेस शासित राजस्थान की तरह कई राज्य हैं, जहां बहुत कम जिलों में लोकपाल नियुक्त किए गए हैं. राजस्थान में योजना के तहत आने वाले 33 में से केवल चार जिलों में लोकपाल हैं. तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में योजना के अंतर्गत आने वाले 23 में से केवल चार जिलों में लोकपाल नियुक्त किए गए हैं.
