कभी जिस्म बेचकर ज़िंदगी होती थी बसर, अब बेस्ट सेलर बन चुकी है इनकी किताब; सरकार ने किया सम्मानित
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देह व्यापार के पेशे को छोड़कर लेखन के शोबे में कदम रखने वाली नलिनी जमीला को प्रतिष्ठित ‘केरल स्टेट फिल्म एवार्ड्स’ से नवाजा गया है.
तिरुवनंतपुरमः ’राज’, ’वो लम्हे’, ’ आशिकी -2’, और मर्डर-2 की कहानी लिखने वाली स्क्रीन राइटर शगुफ्ता रफीक आपको याद होंगी. शगुफ्ता रफीक को एक स्क्रीन प्ले राइटर से ज्यादा उनके पुराने काम के लिए जाना जाता है. दरअसल, शगुफ्ता रफीक फिल्मों की कहानी लिखने के पहले एक सेक्स वर्कर थीं, जिसका खुलासा उन्होंने फिल्मों में कामयाबी मिलने के बाद खुद किया था. शगुफ्ता रफीक के बाद अक एक और महिला सामने आई हैं, जिसे बेस्ट लेखिका का खिताब दिया गया है. इसमें खास बात यह है कि ये औरत भी गुजरे जमाने की सेक्स वर्कर रह चुकी हैं. देह व्यापार के पेशे को छोड़कर लेखन के शोबे में कदम रखने वाली नलिनी जमीला को प्रतिष्ठित ‘केरल स्टेट फिल्म एवार्ड्स’ से नवाजा गया है. राज्य सरकार ने शनिवार को जमीला को ‘केरल स्टेट फिल्म एवार्ड्स’ से सम्मानित करने का ऐलान किया है. जमीला का मणिलाल द्वारा निर्देशित फिल्म ‘भरतपुझा’ में पोशाक-डिजाइन के लिए खास जिक्र किया गया है. जमीला ने कहा कि यह सम्मान मिलने की मैंने उम्मीद नहीं की थी.पहली बार किसी फिल्म के लिए मैंने पोशाक डिजाइन की थी. मैं इसे अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानती हूं.
इस किताब के लिए मिला सम्मान करीब 15 साल पहले, ‘द ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए सेक्स-वर्कर’ नामक किताब लिख जमीला ने समाज की पारंपरिक मानसिकता को झकझोर दिया और पितृसत्ता को एक गहरी चोट पहुंचाई थी. उन्हें ‘बेस्ट सेलिंग’ लेखिका से लेकर एक कार्यकर्ता, ‘जेंडर एक्सपर्ट’ से लेकर ‘सोशल रिलेशनशिप काउंसलर’ तक कई रूपों में पहचाना जाता है. अपनी पहली किताब के अपार सफलता के बाद जमीला ने साल 2018 में अपनी दूसरी किताब लिखी ’’रोमांटिक एनकाउंटर्स ऑफ ए सेक्स वर्कर’’. यह किताब ग्राहकों के साथ एक सेक्स् वर्कर के संबंधों के इर्द-गिर्द घूमती है.