
एंटीबायोटिक दवाओं का बैक्टीरिया पर नहीं हो रहा असर, दुनिया भर में लाखों की मौत- रिपोर्ट
BBC
जानकारों का कहना है कि दवाओं के बेअसर होते जाने की वजह से ग़रीब देशों में जानें जा रही हैं. इनमें पाँच साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं.
एंटीबायोटिक दवाओं के असर के बारे में हुए अब तक के सबसे बड़े अध्ययन के अनुसार वर्ष 2019 में दुनिया भर में 12 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु ऐसे बैक्टीरिया से हुए संक्रमण की वजह से हो गई जिनपर दवाओं का असर नहीं हुआ. यह आँकड़ा मलेरिया या एड्स से हर साल मारे जाने वाले लोगों की संख्या से ज़्यादा है.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे तो इसका ख़तरा हर किसी को है मगर ग़रीब देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
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मेडिकल शब्दावली में दवाओं के बेअसर होने की इस स्थिति को एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेन्स (एएमआर) कहा जाता है. ये तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी समय के साथ बदलते हैं और उनपर दवाओं की प्रतिक्रिया नहीं होती. इससे किसी संक्रमण का इलाज कठिन हो जाता है और गंभीर बीमारी के फैलने और उससे मृत्यु का ख़तरा बढ़ जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे बचाव के लिए ज़रूरी है कि नई दवाओं के लिए तत्काल निवेश किया जाए. साथ ही, मौजूदा दवाओं का अधिक समझदारी से उपयोग हो.
