उदारीकरण से अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले मनमोहन सिंह ने लाल किले से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का लिया था संकल्प
ABP News
India Independence Day Speech: मनमोह सिंह ने सरकार पर दांव लगाते हुए वामपंथी दलों के भारी विरोध और समर्थन खींचने के बावजूद साल 2008 में अमेरिका से परमाणु करार कर विपक्ष का मुंह बंद कर दिया.
India Independence Day Speech: देश के ‘एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री’ मनमोहन सिंह ने लाल किले की प्राचीर से साल दो हजार चार से लेकर दो हजार तेरह तक देश को लगातार दस बार देश को संबोधित किया. नेहरू और इंदिरा के बाद सबसे ज्यादा जिस पीएम के कदम बढ़े वो मनमोहन सिंह ही थे. राजीव गांधी की तरह ही मनमोहन सिंह ने अपने 2007 के भाषण में विविधता में भारत की एकता की वकालत की. मनमोहन सिंह ने साल 2011 में कहा था- “मैं बिल के कुछ पहलुओं पर मतभेद से अवगत हूं. जो लोग इस बिल से सहमत नहीं हैं, वे संसद, राजनीतिक दलों और यहां तक कि प्रेस के सामने अपने विचार रख सकते हैं. हालांकि, मेरा यह भी मानना है कि उन्हें भूख हड़ताल और आमरण अनशन का सहारा नहीं लेना चाहिए.” मनमोहन के भाषण में उत्तराखंड की त्रासदी का जिक्रMore Related News