उत्तर प्रदेश: बुदेलखंड के किसानों के लिए पानी और बिजली की समस्या कितनी गंभीर?
BBC
पानी और बिजली की समस्या से अब तक जूझते आ रहे बुंदेलखंड के किसानों का क्या है हाल? 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश के इस दक्षिणी इलाक़े के आम लोगों की समस्याओं की एक पड़ताल.
"बिजली की व्यवस्था करवाओ आप सबसे पहले. बिजली की परेशानी है जिससे सब काम रुका है. चौबीस घंटों में केवल सात-आठ घंटे बिजली आती है. शाम को बिजली चाहिए तो मिलती नहीं. रात में 12 या साढ़े 12 बजे बिजली आती है."
"फ़सल पूरी तरह ख़राब हो चुकी है. किसान को क्या मिलेगा? उड़द और सोयाबीन की फ़सल पूरी तरह ख़राब हो चुकी है. किसानों की लागत भी नहीं निकली."
उत्तर प्रदेश के ललितपुर ज़िले के किसान अपनी समस्याएं बताते हुए बेहद लाचार दिखते हैं. हाथ में मुरझाई फसल के दाने लिए एक किसान कहते हैं कि इस साल तो खेती की लागत भी नहीं निकलेगी, हमारी सारी मेहनत बर्बाद हो गई.
मूल रूप से खेती पर निर्भर उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में किसानों की स्थिति बेहद ख़राब है. लगभग हर साल सूखे की मार झेलने वाले इस इलाक़े में किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है. सिंचाई के पर्याप्त साधन न होने के चलते फसलें तबाह हो रही हैं.
बुंदेलखंड में उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खेती करने वाले किसान निराश हैं. इस साल सही वक़्त पर बारिश न होने और सिंचाई की व्यवस्था न होने से फसलें ख़राब हो गई हैं. किसानों को चिंता है कि उनकी बची हुई फसल अब आधे दाम में भी नहीं बिकेगी.