
उत्तराखंड चुनाव में फिर खिलेगा 'कमल' या 'पंजा' पड़ेगा भारी, किसके वादों में कितना दम
BBC
बीजेपी ने उत्तराखंड में मतदान से ठीक पहले तीर्थ यात्राएं कराने से लेकर युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है, लेकिन क्या इन वादों का चुनाव पर कोई असर पड़ेगा?
मतदान से चार दिन पहले यानी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में अपना घोषणापत्र जारी कर ही दिया. इसमें पार्टी का एजेंडा लैंड जिहाद और लव जिहाद है, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की तर्ज़ पर तीर्थयात्रा कराने का वादा है और युवाओं को नौकरियां देने का रस्मी वादा है. इसके साथ ही इस बार के चुनावों का ख़ास आइटम मुफ़्त गैस सिलेंडर भी है.
उत्तराखंड में 70 सीटों के लिए 14 फ़रवरी को मतदान होने हैं. प्रदेश की सभी सीटों पर एक साथ ही चुनाव हो रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या घोषणा पत्र का पार्टी (बीजेपी) के चुनाव में प्रदर्शन पर कोई असर पड़ने वाला है?
उत्तराखंड में पांचवीं सरकार बनाने के लिए हो रहे चुनाव एक तरह से मुद्दा विहीन हैं. कांग्रेस पार्टी हरीश रावत के नेतृत्व और चेहरे के साथ सरकार बनाने के लिए चुनाव मैदान में है तो मोदी की चमक के सहारे बीजेपी सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है.
इसी तरह आम आदमी पार्टी मुख्यतः केजरीवाल के नाम और काम के दम पर राज्य में अपनी जगह बनाने के लिए हाथ-पैर मार रही है.
