इमरान ख़ान ने तहरीक-ए-तालिबान पर ऐसा क्या कहा कि पाकिस्तान में बरपा हंगामा
BBC
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान चरमपंथी समूह 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' पर बयान दे कर निशाने पर आ गए हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान चरमपंथी समूह 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' (टीटीपी) को 'पश्तून आंदोलन' कहने पर निशाने पर आ गए हैं. पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के सदस्य मोहसिन दावड़ ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने 'पश्तूनों की भावनाओं को आहत किया है' इसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए.
'मिडिल ईस्ट आई' को दिए इंटरव्यू में जब इमरान ख़ान से पूछा गया कि उन्होंने अपनी किताब में कहा था कि अमेरिका की वापसी से अफ़ग़ानिस्तान में प्राकृतिक तौर पर स्थिरता आ सकेगी, लेकिन टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) अब पाकिस्तान में एक समस्या बन गई है. अमेरिका की वापसी से इस समस्या का समाधान क्यों नहीं हो सका?
इमरान ख़ान ने इसके जवाब में कहा कि ''टीटीपी पाकिस्तानी सीमा के पश्तून हैं... तालिबान एक पश्तून आंदोलन है. अफ़ग़ानिस्तान में क़रीब 45 से 50 फ़ीसद आबादी पश्तून है, लेकिन डूरंड रेखा से पाकिस्तान की तरफ़ पश्तूनों की आबादी लगभग दोगुनी है.''
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि "जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण किया, तो उन्होंने तालिबान को खदेड़ दिया. तब इस तरफ़ के पश्तूनों को उस तरफ़ के पश्तूनों से हमदर्दी हुई थी. इसका कारण धार्मिक विचारधारा नहीं बल्कि पश्तून क़ौमियत और एकता थी, जो बहुत मज़बूत है."
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