
इटली मरीन्स केस: भारतीय मछुआरों की हत्या करने वाले इटली के नौसैनिकों को मुआवज़े पर छोड़ने के लिए कैसे राज़ी हो गई सरकार?
BBC
साल 2012 में इटली के नौसैनिकों के हाथों दो भारतीय मछुआरों की हत्या का मामला आख़िरी चरण में है. अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों की वजह से भारत को अपने देश में इतालवी नौसैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला बंद करना होगा.
साल 2012 में इटली के नौसैनिकों के हाथों दो भारतीय मछुआरों की हत्या का मामला आख़िरी चरण में है. अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों की वजह से भारत को अपने देश में इतालवी नौसैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला बंद करना होगा. इटली ने भारत को आश्वासन दिया है कि वो अपने देश में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामला चलाएगा. भारतीय सुप्रीम कोर्ट 15 जून को इस मामले में अपना आख़िरी फ़ैसला सुनाएगा. इससे पहले कोर्ट ने यह भी कहा था कि जब तक इटली की सरकार तय हुआ मुआवज़ा बैंक खाते में ट्रांसफ़र नहीं कर देती, भारतीय कोर्ट में केस बंद नहीं किया जाएगा. बीते नौ साल से ज़्यादा वक़्त से चल रहे इस केस में कई उतार-चढ़ाव आए. पहले मरीन्स की भारत में गिरफ़्तारी, फिर उन्हें इटली जाने देना, इटली का उन्हें लौटाने से इनकार करना, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में तमाम क़ानूनों के हवाले से जिरह होना और इन सबके बीच मरनेवाले भारतीय मछुआरों के घरवालों को न्याय मिलने की उम्मीद. अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ, विस्तार से जानते हैं.More Related News
