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इंडियन एयरफोर्स का पहला फाइटर जेट मिशन, जब 1965 में 'ग्नैट' ने दुश्मन को चटाई धूल; कहलाया पाक लड़ाकू विमान का 'हत्यारा'
Zee News
Indian Air Force Day 2025: साल 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध सिर्फ जमीन पर नहीं, बल्कि हवा में भी लड़ा जा रहा था. पाकिस्तान को अपने अमेरिकी निर्मित एफ-86 साब्रे जेटों पर बहुत भरोसा था, जो तकनीक और मारक क्षमता में भारत के कई विमानों से बेहतर माने जाते थे. लेकिन एक ऐसी घटना घटी, जिसने इतिहास बदल दिया.
Indian Air Force Day 2025: 3 सितंबर 1965. यह वह तारीख है जब भारतीय वायु सेना (IAF) ने पहली बार जेट फाइटर कॉम्बैट में अपनी जीत दर्ज की. इस जीत का हीरो था 'ग्नैट' नामक छोटा लेकिन बेहद फुर्तीला फाइटर जेट. दरअसल, पाकिस्तान अमेरिकी एफ-86 साब्रे जेट को अपनी हवाई ताकत का प्रतीक मानता था, लेकिन स्क्वाड्रन लीडर ट्रेवर कीलर के नेतृत्व में ग्नैट ने इस भ्रम को तोड़ दिया. अपने छोटे आकार और जबरदस्त स्पीड का फायदा उठाते हुए, 'ग्नैट' ने पाकिस्तानी साब्रे जेट को आसमान से गिरा दिया. यह घटना ‘साब्रे किलर’ ऑपरेशन की शुरुआत थी, जिसने 1965 के युद्ध में IAF के मनोबल को एक नई ऊंचाई दी.

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








