
इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पेगासस के लिए इस्तेमाल होने वाली किट जैसा हार्डवेयर खरीदा था: रिपोर्ट
The Wire
संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की एक रिपोर्ट आयात संबंधी दस्तावेज़ों के हवाले से बताती है कि 2017 में भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी ने इज़रायली कंपनी एनएसओ समूह से ऐसा हार्डवेयर खरीदा था, जो पेगासस स्पायवेयर के लिए इस्तेमाल जाने वाले उपकरणों के विवरण से मेल खाता है.
नई दिल्ली: आयात संबंधी दस्तावेज़ दिखाते हैं कि भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी- इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने इज़रायली कंपनी एनएसओ समूह से ऐसा हार्डवेयर खरीदा है, जो संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेगासस स्पायवेयर के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के विवरण से मेल खाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, ओसीसीआरपी के लिए शरद व्यास और जुर वान बर्गन द्वारा लिखी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ‘निर्णायक तौर पर यह कहना संभव नहीं है कि क्या आयातित हार्डवेयर का इस्तेमाल पेगासस के लिए किया गया था.’ हालांकि आगे इस साल की शुरुआत में न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित दावे को दोहराया गया है कि भारत सरकार ने 2017 में इजरायल के साथ एक बड़े हथियार सौदे के तहत पेगासस स्पायवेयर खरीदा था.
पेगासस एक मिलिट्री-ग्रेड स्पायवेयर है जिसके माध्यम से यूजर- जो इजरायल के निर्यात कानून के तहत एक सरकारी इकाई होनी चाहिए- को किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन तक पूरी पहुंच प्राप्त होती है. कंपनी का दावा है कि स्पायवेयर का इस्तेमाल आपराधिक और आतंकी गिरोहों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन पेरिस स्थित फॉरबिडन स्टोरीज के नेतृत्व में मीडिया संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत जुलाई 2021 में बताया था कि दुनियाभर के कई देशों में इसका इस्तेमाल पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया गया था.
मालूम हो कि न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने साल 2017 में हथियारों की खरीद के लिए दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे के तहत इजरायली स्पायवेयर पेगासस खरीदा था.
