आरएसएस देने जा रहा है बीजेपी को बड़ी जिम्मेदारी, जानें क्या है पूरा प्लान?
News18
आरएसएस के पदाधिकारी का कहना है कि कार्यकारी मंडल की बैठक में समसामयिक विषयों पर चर्चा के अलावा संगठन एवं शाखाओं के विस्तार, प्रशिक्षण कार्यों का लेखाजोखा होगा और आगे के कार्यों की रूपरेखा तैयार की जाएगी. यह पूछे जाने पर कि इस बैठक में क्या कोई प्रस्ताव पारित होगा, संघ के पदाधिकारी ने कहा, आमतौर पर कार्यकारी मंडल की बैठक में प्रस्ताव पारित नहीं होता है.
पवन गौड
आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय कार्यकारी बैठक गुरुवार से शुरू होकर शनिवार 30 अक्टूबर तक कर्नाटक के धारवाड़ में होने वाली है. संघ की इस बैठक में आरएसएस के भाजपा समेत सभी अनुसांगिक संगठन इसमें हिस्सा लेंगे. इस बैठक में पिछली साल दी गई जिम्मेदारियों की समीक्षा के साथ साथ नई ज़िम्मेदारियों को लेकर चर्चा की जाएगी. इस बार की बैठक में भाजपा के लिए संघ की दृष्टि से बड़ा महत्वपूर्ण और बड़ा काम मिलने जा रहा है, जिसको पूरा करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.
संघ की कार्यकारी मंडल की बैठक में नई शिक्षा नीति और हिंदुत्व का एजेंडा तमाम मुद्दों के साथ इस बार सबसे ऊपर है. इन दोनों एजेंडा को पूरा करना केंद्र की मोदी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा. नयी शिक्षा नीति और हिंदुत्व पर संघ कार्यकारी मंडल में विशेष प्रस्ताव पास करेगा, जिसको पूरा करना मोदी सरकार और बीजेपी की ज़िम्मेदारी होगी.
गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत संघ अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त किए जाने के पक्ष में है और बच्चों को उच्च शिक्षा भी अपनी भाषा में मिले, ये सुनिश्चित करने की मांग करने वाला है. ये मोदी सरकार और बीजेपी के लिए इतना आसान नहीं होगा क्योंकि भाषाओं को लेकर कई बार सरकार पर आरोप लगते रहे हैं. इस सिलसिले में संघ के पदाधिकारियों की मोदी सरकार के मंत्रियों के साथ दिल्ली में दो दौर की बैठक हो चुकी है. खास बात ये है कि उस बैठक में सीबीएसई, एनसीईआरटी, एनबीटी जैसे संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बुलाया गया था.