आईआईटी गुवाहाटी ने ‘धरना नहीं देने’ की शर्त पर एक पीएचडी छात्र को पढ़ाई करने की अनुमति दी
The Wire
ये मामला हिमाचल सिंह नामक एक पीएचडी छात्र से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पिछले साल एक शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल करने के चलते एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया था. कोविड-19 महामारी बाद कैंपस खुलने पर उन्हें छह शर्तों के साथ पढ़ने की अनुमति दी गई है. छात्र ने आईआईटी प्रशासन के इस आदेश को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
नई दिल्ली: आईआईटी गुवाहाटी प्रशासन द्वारा अपने एक पीएडी छात्र को प्रताड़ित करने मामला सामने आया है, जहां संस्थान ने छात्र से एक शपथ पत्र लिया है कि वे आगे से किसी भी ‘धरना प्रदर्शन’ में शामिल नहीं होंगे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चौथे वर्ष के पीएचडी छात्र 30 वर्षीय हिमाचल सिंह पर ये कार्रवाई की गई है और छह बिंदुओं पर एक शपथ पत्र देने की शर्त पर उन्हें पढ़ाई जारी रखने की इजाजत दी गई है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के एक शिक्षक ब्रजेश राय की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विरोध में पिछले साल चार से सात जनवरी तक हिमाचल सिंह ने अपने साथी छात्रों के साथ भूख हड़ताल की थी, जिसके चलते उन्हें एक सेमेस्टर के लिए उनकी पढ़ाई से वंचित कर दिया गया था. शिक्षक ब्रजेश राय ने आईआईटी गुवाहाटी प्रशासन के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें ‘कदाचार’ और ‘संस्थान के लोगों को बदनाम करने’ के आरोप में एक जनवरी, 2020 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी.More Related News