
अरे साहब! रिवॉल्वर और पिस्टल नहीं एक बात, दोनों में होता है ये बड़ा अंतर
Zee News
वैसे तो पिस्टल और रिवॉल्वर दोनों ही हैंडगन मतलब हाथ में आसानी से आने वाले हथियार हैं. लेकिन इनके सिस्टम और आकार के बीच काफी फर्क है जो जानना बेहद जरूरी है. आज हम आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं.
नई दिल्ली: आजकल घरों में कई लोग लाइसेंसी हथियार रखते हैं. पहले के जमाने में बड़ी दो नाली बंदूक रखने का चलन था लेकिन मौजूदा दौर में पिस्टल और रिवॉल्वर जैसे छोटे हथियारों ने इसकी जगह ले ली है. पुलिस कर्मियों से लेकर आत्मरक्षा के लिए हस्तियों के प्राइवेट गार्ड्स भी पिस्टल या फिर रिवॉल्वर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन लगभग एक जैसे दिखने वाले इन दोनों हथियारों के बीच का अंतर हम आज आपको बताते हैं.
वैसे तो पिस्टल और रिवॉल्वर दोनों ही हैंडगन मतलब हाथ में आसानी से आने वाले हथियार हैं. लेकिन इनके सिस्टम और आकार के बीच काफी फर्क है जो जानना बेहद जरूरी है. गोलियों को गन में डालने और उनके स्टोरेज का तरीके भी अलग है, इसके अलावा फायर करने का तरीका भी इन्हें एक-दूसरे से जुदा करता है.

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

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Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

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