अमेरिकी पैनल ने भारत में धार्मिक आज़ादी पर कड़ी टिप्पणी कर की ये मांग- प्रेस रिव्यू
BBC
अंतर-धार्मिक शादियों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लाए गए क़ानून पर भी चिंता जताई गई है.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ धार्मिक आज़ादी का आकलन करने वाले एक अमेरिकी पैनल 'यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ़्रीडम' (USCIRF) ने लातागार दूसरे साल ये सुझाव दिया है कि साल 2020 में सबसे ज्यादा धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करके के कारण भारत को 'कंट्रीज़ ऑफ़ पर्टीकुलर कंसर्न' यानी सीपीसी की सूची में डाला जाना चाहिए. दूसरा सुझाव ये दिया गया है कि प्रशासन को अंतर-धार्मिक संवाद, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय फ़ोरम पर हर समुदाय को बराबरी के हक़ को बढ़ावा देना चाहिए. इसके अलावा अमेरिकी कांग्रेस को सुझाव दिया गया है कि वह अमेरिका-भारत द्विपक्षीय रिश्तों में भी इस मुद्दे को सुनवाई के माध्यम से, चिट्ठियों और प्रतिनिधि मंडल के गठन के ज़रिए बार-बार उठाए. हालांकि आयोग की सिफ़ारिशें मानने के लिए प्रशासन बाध्य नहीं है. ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल भारत को सीपीसी सूची में शामिल करने के यूएससीआईआरएफड की सिफ़ारिश को अस्वीकार कर दिया था. साल 2021 की रिपोर्ट में आयोग ने जिन मुद्दों पर चिंता जताई है उनमें नागरिकता संशोधन कानून सबसे अहम है. रिपोर्ट कहती है, ''दिल्ली में हुए दंगों के दौरान हिंदू भीड़ को क्लीनचिट दी गई और मुस्लिम लोगों पर अति बल प्रयोग किया गया.''More Related News