अमेरिका से बराबरी पर बातचीत होनी चाहिए: तालिबान- पाकिस्तान उर्दू प्रेस रिव्यू
BBC
तालिबान और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच आमने-सामने मुलाकात, अफ़ग़ानिस्तान को लेकर इमरान ख़ान की अपील. पढ़िए, पाकिस्तान से छपने वाले प्रमुख उर्दू अख़बारों की सुर्खियां.
तालिबान का कहना है कि अमेरिका से बातचीत सिर्फ़ उसकी मर्ज़ी के आधार पर नहीं हो सकती.
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद पहली बार शनिवार को दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत शुरू हुई.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार तालिबान सरकार के उपविदेश मंत्री और दोहा स्थित तालिबान के सियासी दफ़्तर के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन यह बातचीत सिर्फ़ अमेरिकी की मर्ज़ी के एजेंडे पर नहीं, बल्कि बराबरी की सतह पर होनी चाहिए. ऐसा नहीं हो सकता कि सिर्फ़ एक ही पक्ष अपनी ही मर्ज़ी दूसरे पर थोपे."
दोहा में बातचीत शुरू होने से ठीक पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि दोहा में तालिबान से बातचीत शुरू होने का मक़सद तालिबान सरकार को मान्यता देना नहीं, बल्कि अमेरिकी हितों से संबंधित समस्याओं पर लाभदायक बातचीत करना है.
दो दिनों तक चलने वाली इस बातचीत के बारे में तालिबान के विदेश मंत्री मुल्ला अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों का एक नया दौर शुरू करने के बारे में बातचीत हुई.