अफ़ग़ानिस्तान के वीगर मुसलमान, जिन्हें तालिबान ही नहीं चीन का भी डर
BBC
अफगानिस्तान के वीगर कई दशक पहले चीन से भागकर आए थे. अब तालिबान के सत्ता में आने के बाद वो बुरी तरह डरे हुए हैं. क्या है उनका डर.
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में उत्तरी शहर मज़ार-ए-शरीफ़ के एक घर में एक छोटे ग्रुप की बैठक हुई. इस बैठक में शामिल होने वाले सावधानी पूर्वक वहाँ मौजूद लोगों से ध्यान बचाते हुए बारी-बारी से पहुँच रहे थे. ये लोग शहर के वीगर मुसलमान समुदाय के बड़े-बुज़ुर्ग थे. इनके अलावा उनके कुछ परिजन और अन्य लोग दूसरे शहरों में स्काइप से भी जुड़े थे. घर में डर का माहौल था. पूरी बातचीत का एक ही मुद्दा था- कैसे यहाँ से बचकर निकलें? इस बीच वहाँ मौजूद अधेड़ उम्र के एक शख़्स ने तुर्की में एक्टिविस्ट्स को मदद के लिए फ़ोन करना शुरू किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. एक अन्य एक्टिविस्ट, जिन्होंने फ़ोन उठाया, उन्होंने कहा कि वे उनके लिए वो सब कुछ करेंगे, जो वो कर सकते हैं, लेकिन फ़िलहाल वे बहुत कुछ नहीं कर सकते. यहाँ बैठे ग्रुप के लोगों ने इस अधेड़ शख्स से लोगों को फ़ोन करते रहने को कह रहे थे. लेकिन कोई अच्छी ख़बर नहीं थी. आख़िरकार रात होते ही सभी मेहमान वहाँ से चले गए, उतनी ही सावधानी से, जितनी सावधानी से वे वहाँ आए थे. वे पहले से भी ज़्यादा हताश नज़र आ रहे थे. इनमें से एक ने बैठक के बाद बीबीसी से कहा- कोई नहीं है जो अभी हमारी मदद कर सके. हम डरे हुए हैं, सभी डरे हुए हैं.More Related News