अगर फ्लैट मालिक कब्जा प्रमाणपत्र नहीं पाता तो ये बिल्डर की सेवा में कमी: सुप्रीम कोर्ट
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न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि यदि आवास खरीदार कब्जा प्रमाणपत्र की कमी के कारण उच्च करों और पानी के शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर होते हैं तो बिल्डर पैसे वापस करने के लिए उत्तरदायी होगा.
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 के तहत किसी बिल्डर द्वारा मकान में रहने योग्य ‘कब्जा प्रमाणपत्र’ प्राप्त करने में विफलता सेवा में कमी का मामला है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि यदि आवास खरीदार कब्जा प्रमाणपत्र की कमी के कारण उच्च करों और पानी के शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर होते हैं तो बिल्डर पैसे वापस करने के लिए उत्तरदायी होगा.
इस मामले की हो रही थी सुनवाई शीर्ष अदालत राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग(एनसीडीआरसी) के एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक सहकारी हाउसिंग सोसाइटी द्वारा बिल्डर की चूक के कारण नगर निकाय प्राधिकारों को भुगतान किए गए अतिरिक्त करों और शुल्कों की वापसी की मांग को खारिज कर दिया गया था.