
अंतरिक्ष में भी फैल रहा कचरा? वैज्ञानिकों नें उठाई ये खास मांग
Zee News
वैज्ञानिक वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के विस्तार की दर को देखते हुए कानूनी रूप से बाध्य संधि की मांग कर रहे हैं ताकि पृथ्वी की कक्षा को अपूरणीय क्षति न पहुंचायी जाए.
नई दिल्लीः वैज्ञानिक वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के विस्तार की दर को देखते हुए कानूनी रूप से बाध्य संधि की मांग कर रहे हैं ताकि पृथ्वी की कक्षा को अपूरणीय क्षति न पहुंचायी जाए. कई सामाजिक और पर्यावरणीय फायदे उपलब्ध कराने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ऐसी आशंका है कि अंतरिक्ष उद्योग की अनुमानित वृद्धि पृथ्वी की कक्षा के बड़े हिस्सों को अनुपयोगी बना सकती है. पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों की संख्या आज के 9,000 से बढ़कर 2030 तक 60,000 तक पहुंच सकती है. ऐसा अनुमान है कि पुराने उपग्रहों के 100 लाख करोड़ से अधिक टुकड़े इस ग्रह का चक्कर लगा रहे हैं, जिनका अभी पता नहीं लगाया जा सका है.
उठाई ये खास मांग उपग्रह प्रौद्योगिकी और समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण समेत विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ ने कहा कि इस पर तत्काल वैश्विक सर्वसम्मति बनाने की आवश्यकता जान पड़ती है कि पृथ्वी की कक्षा को कैसे बेहतर तरीके नियंत्रित किया जाए. उन्होंने पत्रिका ‘साइंस’ में अपनी चिंता व्यक्त की है. विशेषज्ञों ने यह माना कि कई उद्योग और देश उपग्रह संवहनीयता पर ध्यान देना शुरू कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसे हर देश को पृथ्वी की कक्षा का इस्तेमाल करने की योजनाओं में शामिल करना चाहिए.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









