

IAF Astra Mk2 Missile: भारतीय वायुसेना अपनी हवाई ताकत को दुनिया में सबसे ऊपर ले जाने के लिए अस्त्र मार्क-2 (Astra MkII) मिसाइल को बड़े पैमाने पर शामिल करने की योजना बना रही है. यह मिसाइल अब अपने विकास के अंतिम चरण में है और जल्द ही इसके उत्पादन को मंजूरी मिलने वाली है. वायुसेना लगभग 400 ऐसी मिसाइलों का बल्क ऑर्डर देने की तैयारी में है, जो दुश्मन के विमानों को उनकी नजर में आने से पहले ही खत्म करने की क्षमता रखती हैं.

Tejas Mk2 Fighter Jet: दशकों से भारतीय वायुसेना का तरीका यह रहा है कि वह अपनी जरूरतें बताती थी और फिर रक्षा संस्थान जैसे HAL और ADA विमान तैयार करके देते थे. इस प्रक्रिया में कई बार सालों की देरी हो जाती थी. लेकिन Tejas Mk2 के मामले में वायुसेना ने इस 'वेटिंग गेम' को खत्म कर दिया है. 2026 में होने वाली संभावित पहली उड़ान के बाद, वायुसेना ने लक्ष्य रखा है कि 2030 से पहले यह विमान सरहद की सुरक्षा के लिए तैनात हो जाए.

Spicejet Orders 100 Natilus Blended Wing Body Aircraft: लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट ने नाटिलस से 100 ब्लेंडेड-विंग-बॉडी (BWB) विमान खरीदने का ऑर्डर दिया है. इसे नई पीढ़ी की विमान डिजाइन के लिए सबसे बड़े शुरुआती कमर्शियल ऑर्डर्स में से एक माना जा रहा है. इसके साथ ही नाटिलस ने भारत में ही विमान निर्माण इकाई लगाने की योजना का भी ऐलान किया है.

Indian Army buying 850 Kamikaze drones: भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता को और भी घातक बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की लागत से 850 कामिकेज यानी आत्मघाती ड्रोन खरीदने का फैसला किया है. ये ड्रोन 'लोइटरिंग म्यूनिशन' कहलाते हैं, जो हवा में शिकार की तलाश में घूमते हैं और लक्ष्य मिलते ही उससे टकराकर धमाका कर देते हैं. रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) इस महीने के आखिरी हफ्ते में इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे सकती है.

Indian Air Force squadrons: भारतीय रक्षा मंत्रालय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए एक नए प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है. अभी तक वायुसेना के लिए 42 स्क्वाड्रन की संख्या तय थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 या उससे भी ज्यादा करने की योजना है. मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष ऑपरेशन सिंदूर से मिले कड़े सबकों के बाद यह फैसला लिया जा रहा है ताकि लंबे समय तक चलने वाले युद्ध में भारत का पलड़ा भारी रहे.

Turkey Tayfun ballistic missile: तुर्किये ने अपनी रक्षा क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाते हुए, अपनी स्वदेशी रूप से विकसित Tayfun हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का एक नया और सफल लाइव फायर टेस्ट पूरा किया है. यह परीक्षण तुर्किये की मिसाइल तकनीक और गति क्षमताओं में एक बड़ी छलांग है. यह सफलता तुर्किये को उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल करती है, जिनके पास हाइपरसोनिक हथियार विकसित करने की क्षमता है.

Israel defence shift to India: यूरोप के कई देशों द्वारा सैन्य सामानों की सप्लाई पर पाबंदी लगाने के बाद इजरायल अब अपनी रणनीति बदल रहा है. इजरायल अब हथियारों के पुर्जों और कल-पुर्जों के लिए यूरोप पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसके लिए इजरायल ने भारत को अपना सबसे भरोसेमंद ठिकाना चुना है. अब इजरायली कंपनियां भारत में ही अपने हथियारों का निर्माण और रखरखाव करने की योजना बना रही हैं.

DRDO stealth lab Bistatic: यह सफलता भारत को हवाई युद्ध के मामले में एक महाशक्ति बनाने की दिशा में सबसे बड़ा फैसला है. अब भारत के पास अपनी अदृश्य सेना बनाने की पूरी चाबी मौजूद है. जिसके बाद IAF के लड़ाकू विमानों के पास अदृश्य होने की जबरदस्त ताकत होगी. जिससे जंग के मैदान में भारत को बड़ी बढ़त हासिल होगी.

RV Lakshya drone: हैदराबाद स्थित Raghu Vamsi ग्रुप के ARROBOT डिवीजन ने रक्षा क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाते हुए 'RV Lakshya' नाम का एक स्वदेशी जेट-पावर्ड टारगेट ड्रोन लॉन्च किया है. यह ड्रोन खास तौर पर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अभ्यास के लिए बनाया गया है. यह हवा में बिल्कुल एक असली दुश्मन के लड़ाकू विमान या मिसाइल की तरह उड़ता है, ताकि हमारी सेनाएं अपनी मिसाइलों और हथियारों का सटीक निशाना लगा सकें.

Fighter jet Arresting Wire: फाइटर जेट को लैंड करने और उड़ान भरने के लिए कम से कम 500 मीटर के रनवे की जरूरत होती है, लेकिन एयरक्राफ्ट कैरियर पर फाइटर जेट 150 से 200 मीटर के रनवे पर लैंड कर जाता है. यह लैंडिंग अरेस्टिंग केबल से होती है, हवा से बात करने वाले फाइटर जेट को एक सेकेंड में जाम कर देता है.

AMCA Mark-2 Engine: भारत को AMCA फाइटर जेट के लिए सैफ्रान एक ऐसा इंजन देगा, जो AMCA मार्क-2 में फिट बैठ जाए. यह एक ऐसा ताकतवर इंजन होगा, जो बिना आफ्टरबर्न सूपरक्रूज उड़ान भरेगा. इस इंजन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जब भी भारत 6वीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाएगा तो इसी इंजन को अपग्रेड करके इस्तेमाल कर सकता है.

Bharat Ki Udaan 2.0: देश की राजधानी दिल्ली में जी भारत द्वारा आयोजित कार्यक्रम भारत की उड़ान 2.0 में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने पंजाब की शिक्षा व्यवस्था व सुधार के किए जा रहे प्रयासों पर मुखर होकर बातचीत की. साथ ही बताया कि कैसे गांव के सहयोग से ड्रग्स माफियाओं पर पंजाब सरकार शिकंजा कस रही है.

IAF on SU-57: भारत की तरफ से SU-57 डील को लेकर रूस को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत 114 राफेल खरीदने पर फोकस कर रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह रूस का युद्ध में होना है. हालांकि रूस को भारत निराश नहीं करेगा. इसलिए 40 से 60 SU-57 खरीदेगा, जिससे भारत के पास भी स्टेल्थ क्षमता मौजूद रहे. साथ ही AMCA के आने तक 4 और 5 वीं पीढ़ी के गैप को भर सके.

India AH-64E Apache helicopters: भारतीय वायु सेना को जल्द ही अमेरिका से तीन और अपाचे AH-64 अटैक हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं. रक्षा अधिकारियों के मुताबिक ये हेलीकॉप्टर कुछ ही दिनों में भारत पहुंच जाएंगे. अपाचे हेलीकॉप्टर स्टिंगर एयर-टू-एयर मिसाइल, हेलफायर लॉन्गबो एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल, गन और रॉकेट से लैस होते हैं. जो उन्हें बेहद घातक बनाते हैं.

Indian Army SAKSHAM system: भारत की हवाई सीमाएं पूरी तरह से अभेद्य बनने जा रही हैं. इसके लिए इंडियन आर्मी ने SAKSHAM पर भरोसा जताया है. जो पूरी तरह AI से लैस है. यानी यह दुश्मन के ड्रोन हमलों को खुद ही रोकने में सक्षम होगा. वहीं, रक्षा सूत्रों ने बताया, “यह केवल ड्रोन के बारे में नहीं है. यह हमारे युद्धक्षेत्र पर स्वायत्तता, गति और नियंत्रण के बारे में है.” SAKSHAM भविष्य के युद्धक्षेत्र में भारतीय सेना की श्रेष्ठता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

DRDO Netra Mk II: नेत्रा Mk II का विकास भारतीय वायुसेना के लिए एक निर्णायक बदलाव लाएगा, जिससे हवाई क्षेत्र में भारत की ताकत और भी अधिक मजबूत होगी. यह विमान अग्रिम मोर्चे पर लंबी दूरी की हवाई निगरानी करेगा, जिससे दुश्मन के किसी भी मिसाइल या हवाई हमले का पता बहुत पहले ही लग जाएगा. जिससे इंडियन एयरफोर्स किसी भी मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने में बढ़त हासिल होगी.

Robot made artillery shells India: इंडियन आर्मी को अब जंग के मैदान में तोप के गोलों की न के बराबर कमी होगी. इतना ही नहीं, यह गोले अंतरराष्ट्रीय मानक पर भी एकदम खरे उतरेंगे. दरअसल, भारत की देसी कंपनी ने तोप के गोले बनाने का जिम्मा अब रोबोट के हवाले कर दिया है. जिससे गोले की सटीकता व तेज उत्पादन सुनिश्चित होगा. ऐसे में आइए इस देसी कंपनी के बारे में और बनने वाले तोप के गोलों की सटीकता के बारे में जानते हैं.

Hindu population outside of India: Pew Research Center की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू धर्म को मानने वालों का करीब 94-95% हिस्सा भारत में ही रहता है. पर बाकी अकेले देशों में लाखों-करोड़ों हिन्दू रहते हैं और उन्होंने अपनी उपस्थिति, पहचान और धार्मिक अभ्यास को वर्षों से कायम रखा है. इसका मतलब है, हिंदू धर्म सिर्फ भारत का धर्म नहीं रहा, बल्कि एक वैश्विक पहचान बन चुकी है.