Uttarakhand Glacier Accident : सुंदरढूंगा से SDRF ने आखिरकार चार शव निकाले, सर्च अभी जारी
News18
uttarakhand News : बागेश्वर ज़िले के ग्लेशियर रूट पर गायब हुए लोगों में से 5 के मारे जाने की बात पिछले करीब चार दिनों से कही जा चुकी थी, जिसके चलते यहां सर्च अभियान (Searching Operation) चल रहा था. कल भी यहां से शवों को निकालने की कवायद की जा रही थी, लेकिन आज सुबह सर्चिंग हो सकी, तो एसडीआरएफ टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर चार शव निकाले. इससे पहले एसडीआरएफ की सुस्त गति से खफा हुए पूर्व विधायक ने 40 बचावकर्मियों की अपनी एक निजी टीम बनाकर भेज दी थी, जिसे प्रशासन ने आगे नहीं जाने दिया था. जानिए तमाम डिटेल्स.
बागेश्वर. उत्तराखंड के इस पहाड़ी ज़िले पर स्थित सुंदरढूंगा से स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड की टीमों ने मंगलवार की सुबह चार शव बरामद कर लिये हैं. सोमवार को खबरें थीं कि यहां पांच लोगों के शव फंसे हुए देखे गए थे, जिनको निकालने का इंतज़ार किया जा रहा था. इनमें से चार शवों के बरामद कर लिये जाने की खबरें हैं. फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी होने की बात कही जा रही है.
सुंदरढूंगा में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान एसडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों की 13 सदस्यों की टीम के साथ मिलकर चार शव बरामद कर लेने में सफलता प्राप्त कर ली. सोमवार को देवीकुंड के पास यहां 5 लोगों के शव देखे गए थे, लेकिन मौसम खराब होने के चलते कल इन्हें निकाला नहीं जा सका था. आज सुबह मौसम कुछ ठीक होने के साथ ही सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर की मानें तो अब तक चार शव बरामद कर लिये गये हैं.
क्या है ये पूरा मामला? असल में चार दिनों से यहां देखे गए पांच शवों को निकालने का अभियान मौसम के कारण रुका हुआ था. कापकोट के एसडीएम पारितोष वर्मा के हवाले से एक रिपोर्ट में लिखा गया कि देवीकुंड में देखे गए शवों को निकालना खराब मौसम के चलते संभव नहीं हो रहा था. शुक्रवार को भी एक एरियल सर्वे में यहां पांच शवों के होने की बात कही गई थी. बताया जा रहा है कि पांच ट्रेकिंग बंगाल के थे, जिनके साथ कापकोट निवासी एक गाइड भी लापता हो गया था.
पूर्व विधायक की टीम को लौटाया गया इधर, इस मामले में चल रहे सर्च ऑपरेशन की चाल पर नाराज़गी जताते हुए पूर्व विधायक ललित फर्सवाण ने शनिवार को ‘अपने लोगों’ की मदद से एक 40 सदस्यीय टीम बनाकर भेजी थी, लेकिन ज़िला प्रशासन ने इस टीम को वापस भेज दिया. इस टीम को जाटोली के पास रोका गया और इनमें से केवल पांच लोगों को ही एसडीआरएफ के साथ आगे जाने की इजाजत दी गई.