UP Assembly Election: ममता बनर्जी आ रही हैं UP! PM नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से करेंगी चुनावी आगाज
News18
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वाराणसी दौरा टीएमसी के विस्तार की रणनीति का हिस्सा है. वैसे भी बनारस में कहा जाता है कि यहां एक मिनी बंगाल बसता है. बंगाली समाज के लोग यहां बड़ी संख्या में रहते हैं. घाट किनारे सोनारपुरा समेत कई ऐसे इलाके हैं जहां पर इनकी संख्या ठीक-ठाक है. शायद इसीलिए ममता बनर्जी ने बंगाल से जुड़े बनारस को अपना एंट्री पॉइंट बनाया है. दूसरी वजह यह भी मानी जा रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी सें आगाज करने पर पूरे देश की सियासी नजरें ममता बनर्जी अपनी ओर खींच सकती हैं.
वाराणसी. पूर्वांचल में कांग्रेस की जड़ों से जुड़े सबसे पुराने ब्राह्मण परिवार को साथ लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की अध्यक्ष ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी एंट्री करने जा रही हैं. शुरुआत बंगाल से सटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से की जाएगी. माना जा रहा है कि दीपावली के बाद ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश चुनाव में एंट्री करते हुए अपना पहला दौरा बनारस में करेंगी. तृणमूल कांग्रेस अपने संगठन की बनारस में बैठक करने के साथ वह नए सदस्यों को भी जोड़ेंगी. यही नहीं बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी भी लगाएंगी. यानि एक बार फिर ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच में सियासी तकरार देखने को मिलने वाली है. फर्क इतना है तब बंगाल का चुनाव था और अब देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं.
बता दें कि 2 दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री कमलापति त्रिपाठी के पुत्र राजेश पति और प्रपौत्र ललितेश पति त्रिपाठी ने तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन की है. पूर्वांचल में कांग्रेस का पर्याय रहे इस परिवार के इन दोनों पिता-पुत्र की जोड़ी ने पिछले दिनों कांग्रेस के सभी जिम्मेदारी भरे पदों से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद चर्चा थी कि त्रिपाठी परिवार भाजपा या सपा जॉइन कर सकता है, लेकिन जैसा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में ललितेश पति त्रिपाठी ने इशारा किया था कि वह कुछ नया करेंगे. उसी बयान के तहत उन्होंने सभी को चौंकाते हुए दो दिन पहले सिलीगुड़ी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वाराणसी दौरा टीएमसी के विस्तार की रणनीति का हिस्सा है. वैसे भी बनारस में कहा जाता है कि यहां एक मिनी बंगाल बसता है. बंगाली समाज के लोग यहां बड़ी संख्या में रहते हैं. घाट किनारे सोनारपुरा समेत कई ऐसे इलाके हैं जहां पर इनकी संख्या ठीक-ठाक है. शायद इसीलिए ममता बनर्जी ने बंगाल से जुड़े बनारस को अपना एंट्री पॉइंट बनाया है. दूसरी वजह यह भी मानी जा रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी सें आगाज करने पर पूरे देश की सियासी नजरें ममता बनर्जी अपनी ओर खींच सकती हैं.
बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले सियासी दौरे के लिए 28 अक्टूबर से गोवा जा रही हैं. वहां के दौरे के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यूपी चुनाव के लिहाज से पार्टी की बैठक करेंगी और बनारस में चुनाव में अपनी रणनीति का खुलासा कर सकती हैं. इसके लिए संगठन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है.