Traffic Rules तोड़कर बचना अब होगा नामुमकिन, इस खास डिवाइस से हो जाएगी पहचान
News18
मौजूदा समय में सिर्फ एक ही जगह पर स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम लगा होता है. इसके अलावा इस सिस्टम से 32 गाड़ियों की मॉनिटरिंग हो सकती है. इस सिस्टम की एक बड़ी खूबी यह भी है कि यह भारी गाड़ियों और हल्की गाड़ियों में अंतर कर सीधे उनकी एंट्री सेंट्रल कंट्रोल रूम तक पहुंचा सकता है. जिन लोगों ने ज्यादा स्पीड पर सड़क पर गाड़ी चलाई है अंतिम का चालान जेनरेट हो जाता है.
नई दिल्ली. कोरोना काल के वक्त पुलिस के सामने एक बड़ी दिक्कत यह थी कि वह शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की चेकिंग नहीं कर सकती थी. क्योंकि संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा रहता था. इससे भारत की सड़कों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से एक्सीडेंट का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया. लेकिन अब इसका तोड़ निकाल लिया गया है और एल्कोहल एनेलाइजर से सड़क पर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की पहचान होगी. इसमें पुलिसकर्मियों को पास जाने की जरूरत नहीं होगी.
ग्वालियर की ट्रैफिक एसपी सर हितिका वासल जिन्होंने दिल्ली ट्रैफिक इंफ्राटेक एग्जीबिशन में हिस्सा लिया था, उनका कहना है यह डिवाइस बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होगी हमारे लिए क्योंकि पुलिस वालों पर जो काम का दबाव है वह अब कम हो जाएगा. इस डिवाइस की पूरी रिपोर्ट वह अपने आला अधिकारियों को सौंपेंगी. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस में सेंसर लगे हैं जो कि शराब पीने वाले लोगों की सांस से जल उठेंगे और तुरंत पुलिस उनका चालान काट सकेगी.
राकेश यादव डायरेक्टर एक्सपोटेक प्राइवेट लिमिटेड जिन्होंने इस प्रोडक्ट को डेवलप किया है उनका कहना है कि पिछले 1 साल से वह इस पर काम कर रहे थे और कोरोना काल में सड़क पर की वास्तविक परिस्थिति को समझते हुए देश को विकसित किया गया है.
इस एग्जीबिशन में वेहिकलल माउंटेड रूफटॉप स्पीड मानिटरिंग सिस्टम को भी दिखाया गया है. दिल्ली में मौजूद होकर मॉनिटर पर से तस्वीर मुंबई पुणे हाईवे की देखी जा सकती हैं. इस सिस्टम को गाड़ियों में फिक्स किया जा सकता है और अलग-अलग जगहों पर ट्रैफिक पुलिस इसको लगा सकती है. मौजूदा समय में सिर्फ एक ही जगह पर स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम लगा होता है. इसके अलावा इस सिस्टम से 32 गाड़ियों की मॉनिटरिंग हो सकती है. इस सिस्टम की एक बड़ी खूबी यह भी है कि यह भारी गाड़ियों और हल्की गाड़ियों में अंतर कर सीधे उनकी एंट्री सेंट्रल कंट्रोल रूम तक पहुंचा सकता है. जिन लोगों ने ज्यादा स्पीड पर सड़क पर गाड़ी चलाई है अंतिम का चालान जेनरेट हो जाता है.