T20 World Cup: न्यूज़ीलैंड को हराने के लिए टीम इंडिया को बदलना होगा इतिहास, विराट कोहली को डरा रहे ये रिकॉर्ड
News18
T20 World Cup: टी-20 वर्ल्ड कप के पहले मैच में हार के बाद अब टीम इंडिया की टक्कर न्यूज़ीलैंड (India vs New Zealand) से होगी. सेमीफ़ाइनल की रेस में बने रहने के लिए भारत को यह मैच हर हाल में जीतना होगा. हाल के दिनों में बड़े मुक़ाबले की बात की जाए तो न्यूज़ीलैंड ने दो बार टीम इंडिया को मात दी है. इस बेहद अहम मुकाबले को जीतने के लिए टीम इंडिया को इतिहास बदलना होगा. पाकिस्तान के हाथों करारी हार के बाद टीम इंडिया का नेट रनरेट माइनस 0.973 है.
नई दिल्ली. टी-20 वर्ल्ड कप में एक हफ्ते के ब्रेक के बाद टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड (India vs New Zealand) से मैच खेलना है. 31 अक्टूबर को होने वाला ये मुकाबला विराट कोहली (Virat Kohli) की टीम के लिए ‘करो या मरो’ की लड़ाई होगी. हार का मतलब होगा टूर्नामेंट से लगभग बाहर का रास्ता. लेकिन इस बेहद अहम मुकाबले को जीतने के लिए टीम इंडिया को इतिहास बदलना होगा. एक ऐसा रिकॉर्ड जिसे पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं बदल पाए थे. टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में टीम इंडिया कभी भी न्यूज़ीलैंड को नहीं हरा सकी है.
रिकॉर्ड्स के आईने में झांके तो भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच टी-20 वर्ल्ड कप में अब तक सिर्फ दो बार भिड़ंत हुई है और दोनों बार न्यूज़ीलैंड की टीम ने बाज़ी मारी है. सबसे पहले साल 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में धोनी की टीम को न्यूज़ीलैंड ने 10 रनों से हराया था. इसके बाद 2016 टी-20 वर्ल्ड कप में नागपुर के मैदान पर टीम इंडिया को 47 रनों से करारी हार का सामना करना था.
दो मैचों में दो हारसाल 2016 में नागपुर में तो टीम इंडिया 127 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 79 रनों पर ऑल आउट हो गई थी. टी-20 वर्ल्ड कप में ये टीc इंडिया का सबसे कम स्कोर है. इससे पहले 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया जोहान्सबर्ग के मैदान पर 191 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत की मंजिल से 10 रन दूर रह गई थी. इस मैच में गौतम गंभीर ने 33 गेंदों पर 51 रनों की शानदार पारी खेली थी.
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