Noida अथॉरिटी ने सुपरटेक टॉवर मामले में कोर्ट और लखनऊ विजिलेंस में 30 के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
News18
नियम बदलने के बाद ग्रुप हाऊसिंग का प्लॉट लेने के लिए जमीन की लागत का 5 फीसद रजिस्ट्रेशन शुल्क और 5 फीसद आवंटन शुल्क कर दिया गया. आवंटन के बाद तीन साल तक बकाया पैसे पर केवल ब्याज लेने का नियम बना दिया गया. वहीं तीन साल बाद 7 सालों में 14 बराबर किस्तों में बाकी 90 फ़ीसदी पैसा देने की रियायत बिल्डर्स को दे दी गई.
नोएडा. सुपरटेक (Supertech) एमराल्ड कोर्ट ट्विन टॉवर्स (Twin Towers) मामले की गाज अब अफसरों और कर्मचारियों पर गिरना शुरू हो गई है. नोएडा अथॉरिटी ने खुद अपने वर्तमान और रिटायर्ड अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराना शुरू कर दिया है. अथॉरिटी ने ट्विन टॉवर्स मामले में अभी तक 30 लोगों के खिलाफ कोर्ट और लखनऊ (Lucknow) विजिलेंस में मामला दर्ज कराया है. इसमे से 26 नोएडा अथॉरिटी के पूर्व और वर्तमान अफसर-कर्मचारी हैं. चार सुपरटेक बिल्डर्स में बोर्ड से जुड़े लोग हैं. इतना ही नहीं जांच में तेजी लाने के लिए एसआईटी (SIT) की जांच को मेरठ (Meerut) या नोएडा में ट्रांसफर कराया जा सकता है. नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के 4 नियमों के उल्लंघन को आधार बनाकर यह मामला दर्ज कराया गया है.
अफसर-कर्मचारियों ने ऐसे पहुंचाया था सुपरटेक को फायदा
नोएडा अथॉरिटी ने कोर्ट और लखनऊ विजिलेंस में जो मामला दर्ज कराया है उसमे भवन नियमावली 2006, भवन नियमावली 2010, अर्बन प्लानिंग एक्ट और आइपीसी की धाराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है. सूत्रों की मानें तो इन्हीं कानून को लचीला कर और उनका उल्लंघन कर सुपरटेक बिल्डर को एमराल्ड कोर्ट ट्विन टॉवर्स मामले में फायदा पहुंचाया गया था. इसी को आधार बनाते हुए नोएडा अथॉरिटी ने अपने वर्तमान और रिटायर्ड अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
ये थे नोएडा अथॉरिटी के नियम-